डेरा व कांडा पर लगी उम्मीदवारों की टकटकी

4/27/2019 8:55:09 AM

सिरसा(स.ह.): पंजाब एवं हरियाणा के एक छोर पर बसे 17.63 लाख मतदाताओं वाले सिरसा संसदीय क्षेत्र में तमाम प्रत्याशियों की निगाहें इस समय डेरा की सियासी विंग के अलावा हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की ओर से लिए जाने वाले फैसले पर लगी है। डेरा सच्चा सौदा की सियासी विंग पिछले पखवाड़े से सक्रिय है। 29 अप्रैल को डेरा का स्थापना दिवस है। इस दिन डेरा सच्चा सौदा में नामचर्चा रखी गई है। इस नामचर्चा में पंजाब-हरियाणा, राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश के अनुयायी शिरकत करेंगे।

खास बात यह है कि डेरा की सियासी विंग की ओर से पिछले करीब 20 दिनों में पंजाब के मालवा बेल्ट के अलावा हरियाणा के अनेक हिस्सों में बैठकें की गईं। प्रेमियों संग रायशुमारी की गई  लेकिन डेरा इस बार किसके साथ जाएगा? इसका फैसला अभी तक सियासी विंग के ओहदेदार नहीं ले पाए हैं। ऐसे में पंजाब की मालवा बेल्ट की 7 लोकसभा सीटों के अलावा हरियाणा की 4 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के अलावा प्रमुख सियासी दलों में बेचैनी का आलम है। सबसे अधिक चर्चा सिरसा सीट को लेकर है। सिरसा में ही डेरा सच्चा सौदा का हैडक्वार्टर है।
 

यहां इस समय 5 प्रमुख दलों भाजपा,कांग्रेस,इनैलो,जजपा-आप,लोसुपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में हैं। इस सीट पर जहां डेरा की ओर से राजनेताओं की टकटकी लगी है,वहीं सिरसा संसदीय क्षेत्र में सिरसा,रानियां, कालांवाली व रतिया विधानसभा क्षेत्र में अपना प्रभाव रखने वाले हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के फैसले पर भी प्रत्याशियों की निगाहें हैं। इस सिलसिले में गोपाल कांडा ने 1 मई को हिसारिया बाजार स्थित अपने कार्यालय में एक बैठक रखी है। 

हरियाणा लोकहित पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोबिंद कांडा ने बताया कि हलोपा में पार्टी के कार्यकर्ता सर्वोपरि हैं। उनके अनुसार यह बैठक इन लोकसभा चुनावों के विषय में अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। बैठक में लोकसभा चुनाव के संदर्भ में अहम घोषणा की जाएगी। यह बैठक इन लोकसभा चुनावों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण होगी इसलिए पार्टियों के लोकसभा प्रत्याशियों की नजर एक मई को होने वाली बैठक के निर्णय पर टिकी हुई है। गौरतलब है कि डेरा के साथ गोपाल कांडा की ट्यूनिंग ठीक है। ऐसे में कांडा किस दल के साथ जाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा। 

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