कांग्रेस के 50 से अधिक नेताओं को BJP में शामिल करवा कर तरुण भंडारी ने जीता मुख्यमंत्री का विश्वास

1/23/2023 9:51:37 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : प्रदेशभर के कोने-कोने से कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में कई बड़े नेताओं को शामिल करवाने का इनाम तरुण भंडारी को इस पद के रूप में दिया गया है, तो कतई गलत नहीं होगा। हालांकि उन्होंने इस बात से बिल्कुल इनकार किया, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है। क्योंकि जीवन भर ही नहीं अपने बुजुर्गों के समय से कांग्रेस के साथ चलने वाले बहुत से नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। जिसका एक बहुत बड़ा लाभ भाजपा को 2024 के चुनावों में मिलना तय है। कई कई चुनाव लड़ चुके इन नेताओं की मजबूत पकड़ अपने क्षेत्रों में स्थापित है, जो कि आने वाले समय में इसका बड़ा लाभ भाजपा को होगा। तरुण भंडारी मैनेजमेंट के बेहद माहिर माने जाते हैं और प्रदेश सरकार की गतिविधियों और कार्यशैली को तुरंत स्पीड से जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाए, इसके लिए तरुण भंडारी से बेहतर कोई चेहरा भाजपा के पास नहीं था। अब आने वाले समय में आधुनिकता के इस दौर में भाजपा प्रदेश के लोगों तक जल्द अपने संदेश और सरकार की विचारधारा को पहुंचा पाएगी यह तय है। तरुण भंडारी ने बातचीत के दौरान यह साफ किया कि जल्द अपने साथियों और टीम के साथ बैठक करके मनोहर लाल की मनोहर नीतियों को जन जन तक बड़ी स्पीड से पहुंचाने का काम किया जाएगा। जिस प्रकार से प्रदेश सरकार ने अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को प्रदेश सरकार की नीतियों-योजनाओं से लाभान्वित करने का कार्य किया गया, परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आम गरीब- असली पात्र का एवाईवाई और बीपीएल कार्ड घर बैठे बनाया है, 60 वर्ष की उम्र होते ही अब बुजुर्ग को कहीं धक्के नहीं खाने पड़ेंगे, यह कार्य मनोहर लाल की सकारात्मक सोच का उदाहरण है। प्रदेश के ग्रामीण समाज को उनकी संपत्ति की मिल्कियत देने का कार्य हुआ है। प्रदेश सरकार से अपराध-नशा को जड़ से समाप्त किया जा रहा है, यह बातें जनता तक जल्द से जल्द पहुंचे, इसे लेकर एक बड़ी योजना तैयार की जाएगी।

 

मनोहर लाल की मनोहर नीतियों को प्रदेश के जन-जन तक पहुंचाने के बड़े लक्ष्य को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक बेहद सूझबूझ रखने वाले परिपक्व खिलाड़ी को मैदान में उतार दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पंचकूला से मेयर रहे तरुण भंडारी को प्रदेश सरकार में सूचना- जनसंपर्क एवं भाषा विभाग में प्रचार सलाहकार की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।  कांग्रेस पार्टी द्वारा पानीपत में रैली और भाजपा का गढ़ माने जाने वाली जीटी रोड (पंजाबी बेल्ट) पर अपनी यात्रा कर जहां अपनी मजबूती के प्रयास किए गए, वहीं ठीक उसके बाद भाजपा द्वारा तरुण भंडारी जैसे तुरूप के इक्के मैदान में उतारने शुरू कर दिए हैं। मनोहर लाल की मनोहर नीतियों- योजनाओं और सोच को हर जनमानस तक पहुंचाना, तरुण भंडारी ने अपना लक्ष्य बताया है।

 

बता दें कि संगठनात्मक रूप से भंडारी बेहद मंजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। तरुण भंडारी का राजनीतिक सफर सदा बड़ी जिम्मेदारियों से भरा रहा है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के लिए कई मौकों पर गेमचेंजर की भूमिका निभाने वाले तरुण पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के साथ कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी लंबे समय तक निभा चुके हैं। हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ग्रुप द्वारा संगठन खड़ा नहीं होने दिया गया, बावजूद इसके संगठन के सामने खड़ी हर चुनौती और फाइनेंशियल दिक्कतों को तरुण भंडारी ने अपनी सूझबूझ और परिपक्वता से दूर करते हुए तवर को सगठन का एक कामयाब मुखिया साबित किया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की इकाइयां ना बनने के बावजूद कांग्रेस हाईकमान इनकी कार्यशैली से हमेशा प्रभावित रहा है।

 

50 से अधिक प्रभावशील चेहरे कांग्रेस से तोड़ भाजपा को बड़ा लाभ देने वाले भंडारी के सामने अब नई चुनौतियां

 

भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद भी तरुण भंडारी समय-समय पर पार्टी को अपने अनुभवों का एहसास करवाते रहे हैं। कांग्रेस संगठन में बड़ी जिम्मेदारी के कारण प्रदेशभर के कोने-कोने से जुड़े कई बड़े चेहरे इनके प्रयासों से भाजपा में शामिल हुए है। मात्र ढाई साल के दौरान 50 से अधिक ऐसे बड़े चेहरे जो कांग्रेस के मंच पर कई-कई चुनाव लड़ चुके थे, वह भाजपा के नारे लगाते आज नजर आते हैं। इस कार्यशैली के मुरीद भाजपा और संघ के कई बड़े लोग हैं। संगठन का लंबा अनुभव होने के कारण मैनेजमेंट के माहिर तरुण भंडारी को एन वक्त पर इस प्रकार की जिम्मेदारी मिलना भाजपा के लिए अगर संजीवनी बूटी कहें तो गलत कतई नहीं होगा। क्योंकि लंबे समय से भाजपा ऐसा महसूस कर रही थी कि प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई तमाम जनकल्याणकारी नीतियों- योजनाओं का सही प्रचार नहीं हो पाने के कारण विपक्ष लोगों को बहकाने और अपने झूठ का भ्रम फैलाने में कामयाब होता जा रहा है। हाल ही में हुए कई चुनावों में उम्मीदों अनुरूप परिणाम ना मिल पाने और सोशल मीडिया पर आम जनमानस के विचारों को सुनने के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने अपने इस मजबूत-गठीले पहलवान को राजनीतिक कबड्डी के मैदान में उतार दिया है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan