मुख्यमंत्री ने मिलने का समय नहीं दिया, तो विधानसभा के बाहर पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थी

8/8/2022 5:29:11 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पिछले लंबे समय से प्रदेशभर में बंद शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर लगातार अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं और तमाम माध्यमों से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय की मांग कर चुके हैं। मुलाकात का समय न मिल पाने के कारण आज प्रदेशभर से जेबीटी, टीजीटी, पीजीटी, आरोही इत्यादि भर्तियों के अभ्यर्थी हरियाणा विधानसभा सेशन के पहले दिन विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री से मुलाकात की इच्छा को लेकर पहुंच गए। आरटीआई एक्टिविस्ट ने बताया कि मुख्यमंत्री से मीटिंग के लिए तमाम मांगों को लेकर मीटिंग के लिए ई-मेल, ट्विटर और पत्रों के माध्यम से कोशिशें करने के बावजूद समय नहीं मिल पाया। इसी कारण आज तमाम शिक्षक विधानसभा के बाहर इस उम्मीद में पहुंचे कि शायद विधानसभा में आते जाते वक्त मुख्यमंत्री की नजर उन पर पड़े और वह बुलाकर बैठक का समय दे दें।

 

पिछले सत्र में सरकार की 38 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा झूठी साबित हुई: ढुल

 

ढुल ने कहा कि पिछले सत्र के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा पेश की गई 38000 शिक्षकों की भर्ती पेशकश में अब तक एक भी भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। सरकारी स्कूलों को खत्म करने के लिए सरकार साजिशन चिराग योजना लेकर आई है। जिसमें प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार 1100 प्रति माह देगी और सरकारी स्कूल में अभिभावकों को 500 रुपए प्रति माह फीस देनी होगी। 1100 रुपए की सोच से बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ेंगे और धीरे-धीरे सरकारी स्कूलों पर ताला लगाने के लिए एक बड़ा षडयंत्र रचा जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा देने की नियत से सरकार बड़ा खेल खेल रही है।

 

2014 में सरकार बनने के बाद से कोई नई शिक्षक भर्ती नहीं हुई: ढुल

 

श्वेता ढुल ने 2014 में सरकार बनने के बाद से कोई नई भर्ती की एडवर्टाइजमेंट ना होने का दावा करते हुए कहा कि पुरानी नोटिफिकेशन में भी सरकार ने बहुत कम भर्तियां की हैं। आखिर सरकार इन युवाओं का भविष्य क्यों खराब करना चाहती है। 8-8 साल से एचटेट करके युवा बेरोजगार सड़कों पर घूम रहे हैं। डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने सीईटी भरा हुआ है। हरियाणा पुलिस की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। सीएमआईए के आंकड़ों को सरकार गलत साबित करना चाह रही है। 8 फीसदी बेरोजगारी का दावा कर रही है। ऐसी ओवर कॉन्फिडेंट वाली सरकार प्रदेश में पहले कभी नहीं आई। सीईटी परीक्षा को सरकार फुटबॉल समझकर लगातार ठोकर मार रही है। कभी एनटीए, कभी एचएसएससी तो कभी और कोई से करवाने की बात कर रही है। जून 2021 से लगातार अत्याचार कर रही है। सोशल इकोनॉमिक द्वारा बच्चों का शोषण हुआ। मुझे ऐसा लगता है कि जब जब चुनाव होगा तब तब ही भर्तियां होंगी।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan