दल-बदलू नेताओं को लोकसभा चुनाव परिणाम का इंतजार

5/20/2019 8:45:03 AM

फरीदाबाद(महावीर): लोकसभा चुनाव परिणाम इस बार हरियाणा की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। यहां की 10 लोकसभा सीटों में से भाजपा कितनी सीटों पर पताका फहराती है,इस पर भी प्रदेश की आगामी राजनीति तय होगी। दरअसल,प्रदेश के कई विधायक व वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पाला बदल सकते हैं। इस चुनाव परिणाम आगामी राजनीति इसलिए भी आधारित है क्योंकि इन चुनावों में प्रदेश में जिस पार्टी का जलवा रहेगा,उसका असर विधानसभा में देखने को मिलेगा।

यही कारण है कि दल-बदलू नेताओं को बेसब्री से लोकसभा चुनाव परिणामों का इंतजार है। परिणामों में हरियाणा भाजपा यदि पिछले चुनावों के तुलनात्मक अच्छा प्रदर्शन करती है तो अनेक विधायक व विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेता भाजपा की शरण में जा सकते हैं। अगर भाजपा पहले से अधिक सीट हासिल करती है तो वह जहां स्वयं को आगामी विधानसभा चुनावों में सबसे मजबूत पार्टी के रूप में पेश करेगी वहीं जनता की मुहर का भी बखूबी फायदा उठाएगी।

उधर,विभाजन के बाद जहां इनैलो का ग्राफ काफी गिर चुका है वहीं जजपा भी अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रही है। ठीक इसी प्रकार गुटबाजी में महारथ हासिल करने वाली कांग्रेस के दिग्गज भी अपनी-अपनी इज्जत बचाने में जुटे दिख रहे हैं। इसके अलावा बसपा व आम आदमी पार्टी का हरियाणा की राजनीति में अभी तक कोई बड़ा योगदान नजर नहीं आया है। भाजपा हरियाणा में अपेक्षित परिणामों को लेकर काफी उत्साहित है। यही कारण है कि उसने अभी से ही विधानसभा चुनावों की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। 

भाजपा की सीटों से तय होगी रणनीति
लोकसभा चुनाव परिणामों में हरियाणा में भाजपा कितनी सीटों पर विजय पताका फहराती है,इसका इंतजार दल-बदलू नेताओं को बेसब्री से है। दरअसल, हरियाणा में यदि भाजपा पहले से अधिक सीटें प्राप्त करती है तो लगभग यह तय हो जाएगा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा ही सबसे बड़ा दल होगी लेकिन यदि उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहता है तो दल-बदलने का इंतजार कर रहे नेता पार्टी के चयन को लेकर निर्णय बदल सकते हैं।

सोनीपत सीट पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सिरसा से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डा.अशोक तंवर जीत हासिल करते हैं या नहीं,यह भी हरियाणा की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा। यदि उक्त दोनों नेता अपनी सीट नहीं निकाल पाते तो प्रदेश में कांग्रेस भी दयनीय स्थिति में आ जाएगी। इतना ही नहीं कांग्रेस के पास लीडरशिप के लिए कोई मजबूत चेहरा भी नहीं रहेगा क्योंकि तंवर व हुड्डा दोनों ही कांग्रेस के हरियाणा के लिए बड़े चेहरे हैं।

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