अब जमीन संबंधी कोई भी कागजात लेने के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे इनके चक्कर : संजीव

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 12:25 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : प्रदेश की तहसीलों में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों में चल रही प्रदेश के सभी से डिविजनल कमिश्नरो ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जिसकी जानकारी देते हुए हरियाणा के एफसीआर संजीव कौशल ने जानकारी देते हुए बताया कि इसमें बहुत बड़ी संख्या में लगभग 100 से भी अधिक अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है। जो कि एक सिस्टम फेलियर है। उन्होंने कहा कि शायद अधिकारियों द्वारा सुपरविजन भी ठीक नहीं रही। उन्होंने आने वाले समय में इस प्रकार की कमियों को रोकने के लिए, सिस्टम की इंप्रूवमेंट को लेकर अच्छे स्तर पर ट्रेनिंग देने की बात कही है। ताकि प्रॉपर्टी डीलर्स और अवैध कॉलोनाइजर्स सिस्टम पर हावी न हो पाए।

संजीव कौशल ने बताया कि इस जांच में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के कुछ नुमाइंदे भी संलिप्त पाए गए हैं। यह नुमाइंदे अर्बन एरिया एक्ट सेक्शन 7 में जहां भी जमीन नोटिफाइड हो, उसमें गड़बड़ होने पर रिवेन्यू विभाग को सचेत करने के लिए नियुक्त किए गए थे।यह नुमाइंदे अवैध रजिस्ट्री को भी रोकने की पावर रखते थे। उनकी संलिप्तता भी इसमें पाई गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार काफी जगह पर तहसीलदार या नायब तहसीलदार ही नहीं रजिस्ट्री क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर यानि पूरा का पूरा सिस्टम ही गलत पाया गया है।

कौशल ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा कई प्रोग्रेसिव कदम उठाए गए हैं। हाल ही में देश में सबसे पहले करनाल जिले के सिरसी गांव में लाल डोरे की पूरी मैपिंग ड्रोन द्वारा की गई है। इसी से इंस्पिरेशन लेकर स्वामित्व की नई स्कीम भारत द्वारा शुरू की गई। अगले 4 हफ्ते में हरियाणा के 8 जिलों में मौजूद लाल डोरे की प्रॉपर्टी की हमारी मैपिंग पूरी हो जाएगी। इस प्रॉपर्टी का स्वामित्व जिसका होगा उसको हम टाइटल डीड भी दे देंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री जी भी चाहते थे कि लाल डोरे की प्रॉपर्टी का आम प्रॉपर्टी की तरह खरीद-फरोख्त के लिए सिस्टम बनाएं। लाल डोरे की जमीनों में बने घर की मिलकियत का कोई भी कागज मालिक के पास नहीं होता था। जिससे लेन देन में दिक्कत आती थी। लेकिन अब तहसीलों के जरिए इस प्रॉपर्टी की भी खरीद-फरोख्त का रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। जो कि 5000 से ज्यादा गांवों का काम पूरा हो चुका है। केवल 2000 ही गांव बाकि बचे हैं।

कौशल के अनुसार ड्रोन मैपिंग का काम सर्वे ऑफ इंडिया के जरिए बड़े स्पीड से किया जा रहा है। सभी उपायुक्त, डीआरओ, डीडीपीओ बहुत तत्परता से इस कार्य को करने में लगे हैं। यह दो तरह का है। एक तो टोटल रिवेन्यू एस्टेट की मैपिंग और दूसरा लाल डोरा।  हमारे 485 रेवेन्यू एस्टेट का ड्रोन मैपिंग का काम भी शुरू हो चुका है। ड्रोन के शॉट लेने के बाद नक्शा बनाया जाता है। फिर हमारा स्टाफ उसकी ग्राउंड वेरिफिकेशन करता है। उसके बाद दोबारा से सर्वे ऑफ इंडिया को देकर हम एक तरह से इसे पब्लिश कर देते हैं।

जनवरी-फरवरी 2022 तक हम आशा करते हैं कि हमारी ड्रोन मैपिंग पूरी हो जाएगी। इसके साथ-साथ हमारे प्रदेश ने भारत में सबसे पहले एक और प्रोगेसिव कदम उठाया है। जिसमें पहले किसी प्रॉपर्टी की जानकारी लेने के लिए व्यक्ति को तहसील में जाना पड़ता था। तहसीलदार और पटवारी से फरद या जमाबंदी की एंट्री लेनी पड़ती थी। कई-कई चक्कर तहसीलों के लगाने पड़ते थे और इसकी एवज में भ्रष्टाचार भी होता था। लेकिन अब हमारे पोर्टल में फर्द-जमाबंदी या जो भी आप डाउनलोड करते हैं। जो कि पहले कानूनन मान्यता नहीं थी। हमने डाक्यूमेंट्स आईडेंटिफाई सिस्टम उसमें लागू कर लिया है और जो भी व्यक्ति डॉक्यूमेंट डाउनलोड करेगा वह लीगली वैलिड होगा। उसके लिए अब किसी भी अधिकारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

आम आदमी को एक बहुत बड़ी सहूलियत देते हुए 
25 दिसंबर सुशासन दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा की गई थी कि किसी भी प्रॉपर्टी को बेचने के लिए अब केवल संबंधित तहसील में जाना ही आवश्यक नहीं होगा। 1 अप्रैल से जिले की किसी भी तहसील में जाकर वह इस काम को कर सकेंगे। इसमें भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बेहतरीन कदम उठाया गया है। रेवेन्यू विभाग एनआईसी के साथ मिलकर इस काम को कर रहा है। इस मौके पर संजीव कौशल ने बताया कि 8 तारीख को उन्हें कोरोना की वैक्सीन जो लगाई गई उसका बेहद सुखद अनुभव रहा। उन्होंने कहा की हमारे यहां की वैक्सीन दुनिया के हर देश में भेजी जा रही है। यह एक हमारे वैज्ञानिकों द्वारा दी गई नियमत है। अगर हमारे अपने आदमी ही डरेंगे तो यह बेहद दुर्भाग्य की बात रहेगी। आज बेशक कोविड का प्रकोप काफी कम है। हमारे पैरामीटर्स बहुत अच्छे हैं। आज 98 फ़ीसदी तक लोगों का रिकवरी रेट आ रहा है। फर्टिलिटी रेट काफी कम है। लेकिन इसके बावजूद सचेत -सतर्क रहने की काफी आवश्यकता है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क का प्रयोग अति आवश्यक है। पहले मास्क पहनना ही रामबाण था। लेकिन आज वैक्सीन भी रामबाण बन चुकी है। जिसका जिस भी फेस में नंबर आए सभी को वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।

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Content Writer

Manisha rana

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