यूएसए के लोगों से ठगी करने वाले फर्जी कॉल सैंटर का भंडाफोड़ -कॉल सेंटर संचालक सहित दस काबू

6/3/2023 8:52:25 PM

गुड़गांव, (ब्यूरो): साइबर थाना ईस्ट पुलिस ने यूएसए के लोगों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए कॉल सेंटर संचालक सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी कस्टमर सर्विस के नाम पर विदेशी लोगों से ठगी करते, इसके बाद टोल फ्री नंबर ही बदल देते। ये एक कॉलर के साथ 100 डॉलर से 500 डॉलर की ठगी करते और पेमेंट को गिफ्ट कार्ड के तहत लेते। पुलिस ने मौके से 10 लैपटॉप व 5 मोबाइल बरामद कर आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी।

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दरअसल, साइबर थाना ईस्ट पुलिस प्रभारी इंस्पेक्टर जसवीर को सूचना मिली कि सेक्टर-84 स्थित एक मकान में अवैध/फर्जी कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों को कस्टमर सर्विस देने के नाम पर ठगा जा रहा है। जिस पर एसीपी साइबर क्राईम विपिन अहलावत की अगुवाई में टीम गठित करके कॉल सेंटर पर रेड की गई। रेड के दौरान पुलिस ने पाया कि कॉल सेंटर को फर्जी/अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है और विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगा जा रहा है। पुलिस ने कॉल सेंटर के संचालक यादवेंदर सहित 10 आरोपियों को काबू कर लिया। आरोपियों के खिलाफ थाना साईबर क्राईम मानेसर में केस दर्ज किया गया।

 

पुलिस ने मामले में कॉल सेंटर संचालक यादवेंदर, पीयूष अरोड़ा, आनंद शर्मा, रॉबिन सिंह, राहुल सिवाच, साहिल, निशांत, हरवीन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह और पवन कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 5 मोबाईल फोन व 10 लैपटॉप बरामद हुए हैं। आरोपियों को आगामी कार्यवाही के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।

 

 

कॉल सेंटर संचालक यादवेंदर सिंह ने पुलिस को बताया कि वह 9 कर्मचारियों के साथ मिलकर यह फर्जी काल सेंटर चला रहा था। सभी को कस्टमर सर्विस के लिए सेलरी/कमीशन पर रखा हुआ है। आरोपी डॉयलर/एक्स-लाईट के टोल फ्री नंबर पर आने वाली कॉल को सुनते हैं और टॉकयू ऐप्प से यूएसए के लोगों को अपना निशाना बनाते। उनके पास अमेजन, पेपल या एचपी प्रिंटर का ऑर्डर करने व अकाउंट हैक होने का फर्जी मैसेज भेजते। वहीं अलग-अलग समस्या बताकर उन्हें गुमराह करते हैं। समस्या को दूर करने के नाम पर उनके साथ ठगी करने के बाद टोल फ्री नंबर को बदल देते थे।

 

कॉल सेंटर संचालक ने पुलिस को बताया कि कस्टमर जब उनके द्वारा दिए टोल फ्री नंबर पर कॉल करता है, तब वह कॉल हमारे पास वेंडर के माध्यम से कनैक्ट होती है। कस्टमर के द्वारा उसकी परेशानी बताये जाने पर उसे विश्वास मे लेकर उसकी समस्या दूर करने के नाम पर उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस एनीडेस्क, टीम व्यूअर, अल्ट्रा व्यूअर आदि एप्लिकेशन से लेकर उसे वास्तविक बात ना बताकर उसको अन्य समस्या बताकर जैसे (निजी जानकारी का रिस्क, हैकर द्वारा अकाउंट हैक, डिवाइस असुरक्षित व फाइनेंसियल इनफार्मेशन लीक, आदि ) प्रॉब्लम सॉल्व के नाम पर कॉलर के साथ 100 डॉलर से 500 डॉलर की ठगी करते थे। पेमेंट को गिफ्ट कार्ड के माध्यम से लिया जाता।

 

Content Writer

Pawan Kumar Sethi