टकराव: दिल्ली-जयपुर हाइवे पर बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़े किसान, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

1/3/2021 10:26:58 PM

रेवाड़ी (मोहिंदर): दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित गांव संगवाड़ी के निकट डेरा डाले हजारों किसानों ने रविवार की शाम को पुलिस द्वारा लगाए गए भारी भरकम बैरिकेड्स को ध्वस्त कर अचानक दिल्ली कूच दिया। सैकड़ों ट्रेक्टर-ट्रॉलियों में सवार किसान जब धारूहेड़ा से पूर्व साबी पुल के पास पहुंचे तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बड़ी संख्या में आंसू गैस के गोले छोड़े। टकराव की स्थिति के बावजूद किसान नहीं रुके और दिल्ली की ओर आगे बढ़ते चले गए। 



इस समय हाइवे पर हजारों किसानों का जमावड़ा है और भीषण ठंड के बावजूद पुलिस व सुरक्षा बलों के पसीने छूट रहे हैं। किसानों के आंदोलन के कारण हाइवे पर लंबा जाम भी लग गया है और हजारों लोग इस जाम में फंसे हुए हैं। सुरक्षाकर्मियों को हाइवे पर एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई लडऩी पड़ रही है। किसानों के ऐलान कर दिया है कि अब उन्हें दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक सकता। यह हालात तो तब हैं, जब बीती रात व आज सुबह ठंड के बीच बरसात भी हुई है। 



हाइवे के राजस्थान सीमा पर जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर के निकट कृषि कानूनों के विरोध में दो हजार से अधिक किसान जमे हुए हैं। तीन दिन पूर्व सैकड़ों किसान बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को तोड़कर 22 किलोमीटर दूर दिल्ली की तरफ संगवाड़ी पहुंच गए थे। यहां पुलिस ने उन्हें रोक लिया, लेकिन आज शाम एनएच-71 की ओर से आए सैकड़ों किसान भी उनके साथ हो लिए और एक साथ दिल्ली कूच के लिए धावा बोल दिया। 

एनएच-71 पर इन किसानों ने बीती रात ही डेरा डाल दिया था और यहां गंगायचा टोल को फ्री कर रखा था। ये सारे किसान सैकड़ों ट्रेक्टर-ट्रॉलियों व खाद्य सामग्री से भरे ट्रकों के साथ बैरिकेड्स तोड़कर धारूहेड़ा के निकट साबी पुल जा पहुंचे और पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को तोड़कर आगे बढऩे का प्रयास किया। पुलिस ने पहले तो संयम से काम लिया, लेकिन जब हालात बिगड़े तो उसने किसानों को आगे बढऩे से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। जिससे पूरे वातावरण में धुंआ ही धुंआ छा गया। इससे किसानों में एक बार अफरा-तफरी का माहौल बन गया। 



इस दौरान किसानों की एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। लेकिन वे फिर भी रुके नहीं और पुलिस से लोहा लेते हुए नारेबाजी करते आगे बढ़ते रहे। उन्होंने डिवाडर के बीच ट्रकों को खड़ा कर दिया और दोनों ओर के हाइवे को जाम कर दिया। हालत यह हो गई कि हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। 

साबी पुल से धारूहेड़ा मात्र 5 किलोमीटर दूर है। यदि ये किसान धारूहेड़ा पहुंच गए तो पुलिस के लिए और मुश्किल खड़ी हो जाएगी। फिलहाल आंदोलनकारी किसानों को पुलिस व आरएएफ ने साबी पुल के नीचे रोका हुआ है। यहां कभी भी टकराव की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने वाटर कैनन की व्यवस्था भी की हुई है। इधर, राजस्थान सीमा स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर भी 6 राज्यों के किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। 



भारतीय किसान यूनियन के नेता सिधारा सिंह आज टिकरी बॉर्डर से किसानों के जत्थे के साथ बॉर्डर पर पहुंचे। उनके साथ हजारों ट्रेक्टर-टॉलियां थी। अलवर यूनियन के नेता बलबी छिल्लर ने कहा कि 4 जनवरी को किसानों के साथ वार्ता यदि विफल रहती है तो भाजपा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। बॉर्डर पर राजस्थान के 6 विधायक रहे अमराराम, राजाराम मील ने कहा कि दिल्ली अब दूर नहीं है। स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव लगातार किसानों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वार्ता विफल होने पर आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को किसान ट्रेक्टरों की परेड निकालेंगे।

खेड़ा बॉर्डर से 5 किलोमीटर दूर आरएलपी नेता व सांसद हनुमान बेनीवाल शाहजहांपुर के पास किसानों के साथ पड़ाव डाले हुए है। यहां पूर्व विधायक पेमाराम, डा. संजय माधव, अवतार सिंह, निशा संधु, अजय डार, मनमेंद्र मील आदि नेता किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है। अनशन पर गीतापाल पंचकूला, कृष्ण बोड़वाल हिसार, संजय सिंह पाली, नरेश टांक, ओम स्वामी हनुमान गढ़, भंवरलाल सहारन, मदन, कुलदीप, नरेंद्र आदि बैठे।

किसानों ने तीसरा मोर्चा हाइवे के बनीपुर चौक पर खोला हुआ है। यहां एक पखवाड़े से हाइवे रोक कर धरने पर बैठे किसानों ने भी धरना समाप्त कर आज दिल्ली की ओर कूच कर दिया। धरने का नेतृत्व कर रहे यूनियन के नेता रामकिशन महलावत ने कहा कि उनका काफिला मसानी बैराज के पास पहुंच गया है और वे भी साबी पुल पर रोके हुए किसानों के साथ जा मिलेंगे।

Shivam