बंदरों के आंतक ने ले ली बच्ची की जान, हमले से बचने को दौड़ी तो नहर में जा गिरी

5/18/2020 12:46:55 PM

जींद (ब्यूरों) : जींद शहर में बंदरों का आंतक अब लोगों की जान भी लेने लगा है। बदंरों के आतंक ने जींद की इंदिरा कॉलोनी की 8 साल की नैना नामक एक बच्ची की जान ले ली। बच्ची के शव को हांसी ब्रांच नहर से 18 घंटे बाद निकाला जा सका। जींद के सिविल अस्पताल में बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। इंदिरा कॉलोनी में छाज बेचकर अपना तथा अपने परिवार का गुजारा करने वाले श्याम की 8 साल की बेटी नैना शनिवार दोपहर बाद घर से खेलने के लिए निकली थी। वह दूसरे बच्चों के साथ हांसी ब्रांच नहर की पटरी पर खेल रही थी। शनिवार दोपहर बाद लगभग 3 बजे इन बच्चों पर बंदरों ने अचानक हमला बोल दिया।    

बंदरों ने नैना के साथ खेल रहे 5 साल के हंसू पुत्र सुनील का हाथ नोंच लिया। उत्पाती बंदरों से बचने के लिए जब सभी बच्चे नहर की पटरी पर दौड़े तो इसी दौरान 8 साल की नैना नहर में जा गिरी। हांसी ब्रांच नहर में पूरा पानी चल रहा था और पानी में डूबने नैना की मौत हो गई। नैना के नहर में गिरने के बारे में परिजनों को सूचना शनिवार रात लगभग 8 बजे तब मिली, जब उसकी तलाश शुरु हुई। उसके साथ खेलने गए बच्चे ने बताया कि नैना नहर में गिर गई। उसके बाद नैना की तलाश शुरु हुई। रविवार सुबह लगभग 9 बजे नैना का शव हांसी ब्रांच नहर से पुलिस की मदद से निकाला गया।

शहर की इंदिरा कॉलोनी की 8 साल की नैना नामक एक बच्ची के नहर में गिर जाने की सूचना के बाद रविवार सुबह एस.एच.ओ. सिटी रोहताश ढुल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बच्ची को नहर में तलाशने के लिए एस.एच.ओ. सिटी रोहताश ढुल खुद नहर में उतर गए। काफी देर की मशक्कत के बाद रोहताश ढुल और उनके साथियों ने बच्ची के शव को नहर से निकालने में कामयाबी हासिल की। एस.एच.ओ. सिटी रोहताश ढुल के इस तरह नहर में खुद उतरने को लेकर उनकी तारीफ हो रही है। इंदिरा कॉलोनी के छाज बेचने वाले श्याम की सबसे बड़ी बेटी नैना थी। श्याम की 5 औलादों में से नैना सबसे बड़ी थी। सबसे बड़ी बेटी की मौत ने श्याम को गहरा सदमा दिया है। बेटी की मौत की खबर सुनकर श्याम गहरे सदमे में चला गया।  

शहर में लोगों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं बंदर
2 लाख से ज्यादा की आबादी वाले जींद शहर में बंदर लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा बने हुए है। इस समय जींद शहर में 5 हजार से ज्यादा बंदरों ने डेरा डाला हुआ है। यह उत्पाती बंदर आए दिन लोगों पर हमला बोलकर उन्हें घायल कर रहे है। लोगों के कीमती कपड़ों और सामान को बंदर तहस-नहस कर जाते है। पाने के पानी की टंकियों के ढक्कन तोड़कर बंदर उनमें छलांग लगाते रहते है।

 

Edited By

Manisha rana