दिव्यांग विद्यार्थियों की परीक्षा को लेकर HC सख्त, CBSE के अफसरों को कंटैप्ट नोटिस जारी

3/8/2018 9:43:37 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): दिव्यांग विद्यार्थियों की परीक्षाओं को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर केस में हाईकोर्ट के 23 फरवरी के अंतरित आदेशों की पालना न करने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि केस की गम्भीरता को देखते हुए बहस पर विचार के बाद कुछ निर्देश जारी किए गए थे कि किस प्रकार स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों की परीक्षाएं ली जाएं। मामले में याची पक्ष के वकील ने कहा था कि हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान पालना नहीं की गई। ऐसे विद्यार्थियों को उनके सैंटरों में रिपोर्ट करने को कहा गया था जो सी.बी.एस.ई. द्वारा तय किए गए थे। ऐसे में उनके सैंटर्स उनके स्कूल नहीं बनाए गए। वहीं, जिस प्रकार परीक्षा को करवाने के आदेश दिए गए थे, उनकी भी पालना नहीं की गई। कहा गया कि सी.बी.एस.ई. के क्षेत्रीय निदेशक ने हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं की। केस की अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी।

प्रथम दृष्टता में पाई कोर्ट की अवमानना
हाईकोर्ट में पेश हुए सी.बी.एस.ई. के क्षेत्रीय निदेशक आर.जे. खांडेराओ ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों की कॉपी कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, दिल्ली को उसी दिन भेज दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि शायद खांडेराओ आदेशों को समझ नहीं पाए। इन आदेशों को किसी अन्य उच्च अथॉरिटी के निर्देशों की जरूरत नहीं थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टता में प्रतीत होता है कि उन्होंने कोर्ट की अवमानना की है। 

ऐसे में हाईकोर्ट ने अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए उन्हें नोटिस जारी करते हुए पूछा कि आपके खिलाफ कंटैप्ट ऑफ कोर्ट की प्रक्रिया शुरू क्यों न की जाए। वहीं, हाईकोर्ट में मौजूद बोर्ड के डायरैक्टर डा. सन्यन भारद्वाज ने हाईकोर्ट को बताने का प्रयास किया कि उनके द्वारा आदेशों की पालना करना मुश्किल था। हाईकोर्ट ने पाया कि उनका जवाब अड़ियल रवैया प्रतीत हुआ जो मुद्दे को लेकर संवेदनशील नहीं है। ऐसे में उन्हें कंटैप्ट नोटिस जारी किया गया है, क्योंकि वह बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारी हैं। इसके अलावा सैंट्रल बोर्ड के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को भी कंटैप्ट ऑफ कोर्ट नोटिस जारी किया गया है। वहीं, हरियाणा सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना की जाएगी।