ऐसे तो घट जाएगा सफेद सोने का रकबा, 32 दिन बंद रहती है नहर

5/1/2018 10:19:25 AM

कालांवाली(प्रजापति): मौसम का मिजाज गर्म है और इस मिजाज का सबसे विपरीत असर खेती पर पड़ रहा है। नहरें व तालाब सूख गए हैं। ऐसे में बिजाई सीजन में फसल की बिजाई करने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से सफेद सोने का रकबा कम रहने के आसार हैं। पिछली बार भी निर्धारित लक्ष्य से नरमे का रकबा करीब 20 हजार हैक्टेयर कम रह गया था।

दरअसल जिला में करीब 3 लाख 86 हजार हैक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इस भूमि में से करीब पौने 3 लाख हैक्टेयर भूमि नहरी पानी की सिंचाई पर आधारित है। ऐसे में नहरों में पानी न होने के चलते बिजाई के सीजन में किसानों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिला में छोटे-बड़े करीब 107 नहरें व माइनर हैं। इस समय 3 ग्रुपों में बांटकर नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है।

ऐसे में एक नहर में महज 6 दिन पानी चलता है और 32 दिन नहर बंद रहती है। इस समय गेहूं की कटाई व कढ़ाई के बाद नरमे की काश्त का मौसम है। मई माह के अंत तक नरमा-कपास की बिजाई का समय अनुकूल बताया जा रहा है। ङ्क्षचता की बात यह है कि पिछले करीब एक पखवाड़े से सिंचाई पानी एक बड़ी समस्या बन गया है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार ही अभी तक 15 फीसदी रकबे पर ही बिजाई हुई है। क्षेत्र में पिछले करीब 30 दिन से नहरों की बारीबंदी रही। ऐसे में इस क्षेत्र में न के बराबर फसल की काश्त हुई है।

Rakhi Yadav