जिस गाड़ी पर बेचते थे जूस उसी से बनाया घर जाने का जुगाड़, बेबसी की कहानी सुन कांप जाएगी रूह(VIDEO)

5/31/2020 5:30:01 PM

पलवल(गुरूदत्ता): दिल्ली के इंदिरा नगर में गन्ने का जूस बेचकर अपने घर के 10 सदस्यों को पालने वाले प्रवासी राजाराम का हौंसला देख आप भी दंग रह जाएंगे। पहले गन्ने का रस बेचा फिर जब गन्ना मिलना बंद हो गया तो,  फिर बर्तन बेचने शुरू कर दिए। उससे भी कुछ न हुआ तो अपनी पत्नी के गहने बेच दिए। यहां तक ही नहीं जब अपने घर जाने की बारी आई तो घर की चारपाई को बेचकर उन्होंने एक जुगाड़ गाड़ी तैयार की।

मूल रूप से प्रदेश के रायबरेली के महाराजगंज के रहने वाले तीन भाई राजा राम राम अवतार और सीता राम पिछले कई वर्षों से दिल्ली के इंदिरा नगर में गन्ने का जूस निकालकर बेचने का काम करते थे राजाराम और रामअवतार की शादी हो चुकी है दोनों के दोनों बच्चे हैं गन्ने का जूस बेचकर 10 सदस्यों के इस परिवार का ठीक से पालन और गुजारा चल रहा था लेकिन अचानक से कोरोना वायरस नाम की महामारी के चलते पूरे देश में लॉक डाउन हो गया  जिसके चलते उन्हें दिल्ली में गन्ने मिलने बंद हो गए ।

महीने भर तक जैसे तैसे उन्होंने अपने पास रही जमा पूंजी से राशन पानी खाया लेकिन उसके बाद उन्हें अपने घर के बर्तन बेचने पड़े और जब बर्तनों से काम नहीं चला तो पत्नी के जेवर बेचकर समय निकालने की कोशिश की, लेकिन जब 2 महीने का इंतजार करने के बाद भी उनका धंधा नहीं चला तो जिस गाड़ी पर गन्ने का जूस निकालकर बेचने का काम करते थे उसी जुगाड़ पर पूरे परिवार और सामान को लेकर रायबरेली के लिए निकल पड़े। उनका कहना था कि दिल्ली में अब अपने रोजगार के लिए गन्ने नहीं मिल रहे थे तब ऐसे में कब तक वहीं पड़े रहते यही सोच कर यह लोग कष्ट उठाकर जुगाड़ गाड़ी में पूरा रिस्क लेकर लगभग 600 किलोमीटर दूरी का रास्ता तय करने के लिए निकले पड़े।


2 बार खराब हुई गाड़ी
राजा राम और राम अवतार ने बताया कि 3 दिन पहले जब वे दिल्ली से रायबरेली के लिए निकले थे दो बार उनकी है जुगाड़ गाड़ी खराब हो चुकी है । एक बार इनकी जुगाड़ गाड़ी का धुरा टूट गया तो जैसे तैसे उसको बनवाया। उसके बाद  फिर आगे बढ़े तो जुगाड़ गाड़ी का टायर फट गया। नया टायर खरीदने के पैसे नहीं होने के कारण उसी टायर में पंचर और जुगाड़ करके कष्ट भरे रास्ते पर निकल पड़े हैं। इनका कहना है कि कुछ लोग जो समझदार हैं वह लोग तो उनकी इस विपदा पर मदद भी कर रहे हैं और कुछ लोगों ने अछूत समझ कर ताने भी कस रहे थे।

Isha