कोरोना के बीच लोहड़ी के पारंपिक गीतों से गूंजा शहर, लोगों ने यह पर्व डीजे की धुन से किया सेलिब्रेट

1/14/2022 11:07:41 AM

फरीदाबाद : सुंदरिए नी मुंदरिए होए, तेरा कौन विचारा होए.. गीतों के साथ शहर के लोगों ने लोहड़ी का पर्व कोरोना के बीच धूमधाम से मनाया। कहीं ढोल नगाड़ों की थाप तो कहीं डीजे की धुन पर लोगों ने लोहड़ी पर्व सैलिब्रेट किया। इस मौके पर जिन लोगों के यहां पहला बच्चा हुआ या फिर नई शादी के बाद पहली लोहड़ी रही, उनके यहां विशाल स्तर पर लोहड़ उत्सव मनाया जाना था परंतु कोरोना संक्रमण के चलते वर्चुअल तरीके से लोगों ने लोहड़ी उत्सव में शिरकत की।  

वहीं दिन भर मूंगफली, रेवड़ी, गजक, फूले की दुकानों पर रौनक नजर आई वहीं मिठाईयों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखने को मिली। छोटों ने बड़ों से लोहड़ी मांगते हुए बड़ों का आर्शीवाद लिया। इस मौके पर शहर में जगह-जगह सायं के वक्त लोहड़ी जलाई गई तथा लोहड़ी की अग्रि के चारों ओर परिक्रमा करके मूंगफली, रेवड़ी और फूले का प्रसाद माता को चढ़ाया गया तथा सभी के सुखी जीवन की कामना की गई।
कोरोना के बीच लोहड़ी पर्व शहर में धूमधाम के साथ मनाया गया। लोगों ने लोहड़ी जलाते हुए गिद्दा और भांगड़ा किया वहीं युवाओं ने डीजे की धुन पर जमकर मस्ती की। इस दौरान शॉपिंग मॉल्स में भी लोग लोहड़ी पर्व मनाते नजर आए। इस बार कोरोना के चलते संयुक्त रूप से लोहड़ी उत्सव मनाने से अधिकतर लोगों ने परहेज रखा।

नहीं दिखा महंगाई का असर
बाजार में इस बार लोहड़ी पर्व पर महंगाई का असर नहीं नजर आया। मूंगफली जहां 100 रुपए से लेकर 150 रुपए किलो तक बिकी वहीं गजक के रेट 100 रुपए से लेकर 500 रुपए तक रहे। वहीं रेवड़ी की कीमत 120 रुपए से लेकर 400 रुपए तक रही तथा फूले 160 रुपए किलो के भाव  से लोगों ने खरीदे। हालांकि पिछली बार के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत रेटों में वृद्धि हुई थी लेकिन इसका कोई असर लोगों द्वारा की जाने वाली खरीददारी पर नहीं पड़ा। दुकानदारों का कहना है कि लोगों ने तो लोहड़ी से कई दिनों पहले से ही मंूगफली, रेवड़ी, गजक आदि की खरीददारी शुरु कर दी थी । वहीं रेवड़ी और गजक की कई वैरायटी बाजार में बिकीं।

बेटियों के साथ मनाई लोहड़ी
शादी के बाद लड़का होने पर परिवार द्वारा लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस बार कुछ नया देखने को मिला। शहर के लोगों ने जिन लोगों के यहां लड़कियां पैदा हुई थीं उन्होंने भी लोहड़ी का बेटी का यह पहला पर्व धूमधाम से मनाया। हालांकि इस दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का भी पालन किया गया। लोगों ने कहा कि बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं होता इसलिए जो खुशी बेटा होने पर होती है, वह खुशी बेटी होने पर भी मनाई गई। 

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Content Writer

Manisha rana