असुरक्षा के साए में शहर के एटीएम बूथ

2/12/2018 1:35:25 PM

गुडग़ांव(ब्यूरो): साइबर सिटी में विभिन्न बैंकों के एटीएम मशीन को उखाडऩे की लगातार पेश आ रही वारदातों के पीछे काफी हद तक बूथों की असुरक्षा है। अधिकतर बैंकों द्वारा एटीएम बूथों पर गार्डों को तैनात ही नहीं किया गया है। जहां गार्ड हैं भी, वे सुरक्षा की खानापूर्ति ही कर रहे हैं। इसके कारण लोग असुरक्षा के साए के बीच जहां एटीएम से पैसे निकालते हैं, वहीं मशीनें उखाडऩे की घटनाएं भी पेश आ रही है। 

मानेसर क्षेत्र में गत दिवस अराजक तत्वों द्वारा एटीएम उखाड़े जाने की वारदात होने के बाद पंजाब केसरी द्वारा एटीएम बूथों की पड़ताल पिछले कई दिनों से रात में की जा रही है। इस दौरान देखने को मिला कि अधिकतर एटीएम पर कोई गार्ड तैनात ही नहीं थे। उनके दरवाजे खुले मिले और जिन एमटीएम पर गार्ड तैनात भी थे वे सोते मिले। ऐसी स्थिति में एटीएम मशीनों की सुरक्षा रामभरोसे है। पुलिस द्वारा भी अभिव्यक्ति की जा रही है कि एटीएम बूथों पर सुरक्षाकर्मी नहीं रहते और इसके कारण जो वारदात पेश आती है उसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाता है।

एटीएम बूथों पर असुरक्षा रहने का फायदा अराजक तत्व उठाते हैं और एटीएम के आसपास चक्कर कटाते रहते हैं। अवसर देखकर वे सीधे-साधे लोगों का एटीएम बदल लेते हैं और पैसे निकाल लेते हैं। इस तरह की वारदातें साइबर सिटी में आए दिन पेश आ रही हैं। पुलिस एटीएम मशीनें उखाड़े जाने को लेकर गार्डों की तैनाती न रहने का ठीकरा बैंकों पर जरुर फोड़ दे रही है लेकिन सामान्य तौर पर देखा जाए तो शहर में अराजक तत्वों के होने और एटीएम प्रयोग करने वाले लोगों को निशाना बनाने के पीछे पुलिस की भी लापरवाही सामने आती है। शहर में सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध रहता तो एटीएम बूथों के आसपास मंडराने वाले अराजक तत्व दबोचे जाते लेकिन विडंबना तो यह है कि पुलिस कभी एटीएम बूथों का औचक निरीक्षण भी नहीं करती।