जिस समुदाय के सबसे ज्यादा विधायक बने, वह अब चुनावी दंगल में ही नहीं

1/13/2019 10:52:49 AM

जींद(मलिक): जींद विधानसभा सीट पर हो रहे उप-चुनाव के साथ एक ऐसा इतिहास जुड़ गया है, जिसकी राजनीतिक गलियारों में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। इस सीट से सबसे ज्यादा 8 बार जिस महाजन समुदाय के विधायक रहे, उस समुदाय पर किसी भी मुख्य दल ने दाव इस बार नहीं लगाया है। जींद विधानसभा क्षेत्र की राजनीति जिन पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता और पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला के इर्द-गिर्द 1982 से घूम रही थी, उनमें से किसी का भी परिवार सीधे चुनावी दंगल में इस बार नहीं है। इस सीट पर ज्यादातर समय महाजन समुदाय का कब्जा रहा है। हरियाणा विधानसभा में 8 बार महाजन समुदाय के लोगों ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। 

जींद से 4 बार मांगेराम गुप्ता, 2 बार बाबू दयाकिशन और 2 बार बृजमोहन सिंगला विधायक बने। एक बार पिछड़ा वर्ग के प्रो. परमानंद 1987 में लोकदल टिकट पर विधायक चुने गए थे। जाट समुदाय के चौ. दल सिंह 4 बार जींद से विधायक बने। 2009 और 2014 में जींद विधानसभा सीट से पंजाबी समुदाय के डा. हरीचंद मिड्ढा विधायक बने थे। 

इस बार महाजन समुदाय पर किसी दल ने नहीं लगाया दांव 
जींद विधानसभा सीट के अब तक के इतिहास में यह पहला मौका है, जब महाजन समुदाय का कोई बड़ा चेहरा चुनावी दंगल में नहीं है। यहां की राजनीति 1982 से पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता और पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला के इर्द-गिर्द घूमती रही। 

इस दौरान 1982 व 1996 में बृजमोहन सिंगला अपने विरोधी मांगेराम गुप्ता को हराकर जींद से विधायक बने तो मांगेराम गुप्ता 1991, 2000, 2005 में जींद से विधायक चुने गए। इन दोनों राजनीतिक परिवारों के बिना जींद का चुनाव अधूरा माना जाता था और ऐसा कोई चुनाव 1982 से 2014 तक नहीं हुआ, जब इन दोनों परिवारों में से किसी एक का उम्मीदवार चुनावी दंगल में नहीं रहा हो।
 

Deepak Paul