उपभोक्ता फोरम ने विधवा व उसके पुत्र को दिलवाया इंसाफ, बीमा कंपनी को देना होगा पूरा क्लेम

11/21/2017 2:39:07 PM

अम्बाला शहर(मुकेश):सड़क दुर्घटना में पति की मौत के बाद पत्नी के साथ पैदा हुए बीमा कम्पनी के विवाद को उपभोक्ता फोरम ने निपटा दिया। फोरम ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी को आदेश दिए कि विधवा व उसके बेटे को 2 लाख रुपए दे। बीमा कम्पनी को पिछली पूरी राशि (केस दायर करने की तिथि से लेकर क्लेम अदा करने तक) राशि 9 प्रतिशत ब्याज के साथ देनी होगी। इसके अलावा बीमा कम्पनी पीड़ित को 5000 रुपए कानूनी खर्च के तौर पर अदा करेगी। मोहाली डेराबस्सी के गांव सारंगपुर की जसपाल कौर ने अक्तूबर 2015 में जिला उपभोक्ता फोरम में एक याचिका दायर की थी। जिसके मुताबिक उसके पति कमलजीत सिंह ने 23-5-2017 को जगाधरी गेट इंडियन बैंक के मार्फत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत एक पॉलिसी ली थी। 

इसी बीच 7-6-2015 को अपने निजी काम से बाइक पर जा रहे कमलजीत की हंडेसरा के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। जिसकी 9-6-2015 को थाना हंडेसरा में डी.डी.आर. दर्ज हुई। इसके बाद 3-7-2015 को जसपाल कौर ने बीमा कम्पनी को पति की मौत के बारे सूचित कर क्लेम के लिए दस्तावेज पेश किए लेकिन बीमा कम्पनी ने क्लेम देने से मना कर दिया क्योंकि कमलजीत का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था। कम्पनी का तर्क था कि दुर्घटना में मौत होने पर मृतक का पोस्टमार्टम होना जरूरी है ताकि मौत के कारण स्पष्ट हो सके। इसके बाद मामला जिला उपभोक्ता फोरम में चला गया। जहां शिकायतकर्ता की ओर से वह सभी मैडीकल रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज पेश किए गए जिससे साबित हो रहा था कि कमलजीत की मौत सड़क दुर्घटना में सिर पर लगी चोट के कारण हुई है।

वहीं, फोरम ने सीटी स्कैन रिपोर्ट, मैडीकल रिपोर्ट, डी.डी.आर.सहित दुर्घटना से जुड़े अन्य दस्तावेजों को जांचा और पाया कि वास्तव कमलजीत की मौत सड़क हादसे में हुई थी। फोरम ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट न होने के बावजूद अन्य सभी मैडीकल रिपोर्ट व दस्तावेजों से स्पष्ट है कि कमलजीत की मौत सड़क दुर्घटना में ही हुई है। सुनवाई के बाद फोरम के अध्यक्ष दीनानाथ अरोड़ा, सदस्य पुष्पिंद्र कुमार व अनामिका गुप्ता ने बीमा कम्पनी को विधवा व उसके पुत्र को 1-1 लाख रुपए मुआवजा 9 प्रतिशत ब्याज के साथ व 5000 रुपए कानूनी खर्च देने के आदेश दिए।