लॉकडाऊन से बढ़ा पतंगबाजी का शौक, शाम होते ही छतों पर नजर आ रहे बच्चे

3/28/2020 10:19:46 AM

अम्बाला (रीटा/सुमन) : 21 दिनों का लॉकडाऊन हालांकि लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने का सबसे बेहतर तरीका है लेकिन लॉकडाऊन के 2 दिनों में ही घरों में बैठे लोगों के लिए समय को गुजरना मुश्किल होने लगा है। ताश, टी.वी. और शतरंज के बाद अब बच्चों में पतंगबाजी का शौक बढ़ गया है। उत्तरप्रदेश व अन्य कुछ राज्यों की तरह हरियाणा में पतंगबाजी का प्रचलन नहीं रहा लेकिन आजकल शाम होते ही छतों पर पतंग उड़ाते बच्चों की टोलियां नजर आने लगती हैं।

अम्बाला शहर के हलवाई बाजार में पतंग की एक दुकान पर शाम होते ही खरीदारों की भीड़ उमडऩे लगती है। दुकानदार अमरजीत का कहना है की पिछले सालों में इन दिनों हर रोज मुश्किल से 10-15 पतंगें बिक पाती थीं  लेकिन अब यह बिक्री 500-600 तक पहुंच गई है। इसके अलावा चाइनीज डोर की बिक्री भी काफी बढ़ी है। उसने बताया कि कुछ पतंगों पर फिल्मी हीरो हीरोइन के फोटो भी लगे आने लगे हैं लेकिन उनकी मांग कम है।

जगाधरी गेट पर पतंग के एक दुकानदार ने भी पतंग व डोर की बिक्री पहले से कई गुना बढऩे की बात कही। उसका कहना है कि जितनी पतंग व डोर पूरे साल नहीं बिकती थी उतनी 3-4 दिनों में बिक गई हैं। इन दिन सहारनपुर व दिल्ली से बड़ी तादाद में पतंगें अम्बाला मंगवाई जा रही हैं। कुछ पतंगबाजों ने बताया कि इस बहाने से शाम के 3-4 घंटे छत पर गुजर जाते हैं और दिन भर कमरे में पड़े रहने की बोरियत भी कम हो जाती है। 

क्राइम व सड़क हादसों का ग्राफ गिरा   
लॉकडाऊन के चलते पिछले 3-4 दिनों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले सड़क हादसों व शहरों में होने वाले चोरी, झपटमारी, छेडछाड़ व मारपीट के मामले में काफी कमी आई है। पुलिस की हर रोज जारी होने वाले क्राइम रिपोर्ट के आधार पर पिछले 3 दिनों में अम्बाला में कोई बड़ा अपराध नहीं हुआ। बड़े सड़क हादसे भी इक्के-दुक्के ही हुए हैं। अम्बाला शहर के सिविल अस्पताल के ट्रामा सैंटर में भी घायलों की बजाय खांसी और बुखार के मामले ज्यादा आ रहे हैं। कहा जा रहा है अपराध करने वाले और जो इनके शिकार होते हैं दोनों ही इन दिनों अपने अपने घरों में बंद हैं। सड़कों पर वाहनों की तादाद भी करीब चौथाई रह गई है। सड़कें व चौक भी सूने पड़े हैं। इसलिए हादसों में कमी आना स्वाभाविक है।

Isha