मतपेटी में बंद हुआ राष्ट्रपति उम्मीदवारों का भविष्य

7/18/2017 7:46:52 AM

चंडीगढ़ (बंसल/पांडेय):14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को हरियाणा विधानसभा में शांतिपूर्वक चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई। मतपेटी में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का भविष्य बंद हो गया है। हरियाणा के सभी 90 विधायकों ने अपने मतों का इस्तेमाल किया। दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के वोट के साथ मतदान खत्म हो गया था। सबसे पहले मुख्य संसदीय सचिव कमल गुप्ता व विधायक लतिका शर्मा ने वोट डाले। सुबह 10 बजे से शुरू हुई वोटिंग प्रक्रिया में सबसे पहले भाजपा विधायकों ने मतदान किया और फिर कांग्रेसी विधायकों व आखिर में इनैलो के सभी विधायक एक साथ विधानसभा पहुंचे। 

नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला सहित सभी इनैलो विधायक हरे पटके पहनकर मतदान करने पहुंचे। विधानसभा में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए थे। विधानसभा में सिर्फ मतदाताओं यानी विधायकों को ही अंदर जाने की अनुमति थी। इसी कड़ी में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर व कांग्रेस के पर्यवेक्षक के तौर पर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत को विधानसभा में प्रवेश नहीं करने दिया। इस संबंध में तंवर ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव आयोग की ओर से आई.ए.एस. अधिकारी अनिल संत को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। इसकेे अलावा हरियाणा के आई.ए.एस. अधिकारी पंकज अग्रवाल को सहायक चुनाव अधिकारी बनाया था। संत और अग्रवाल की अगुवाई में सोमवार सुबह 10 बजे से वोटिंग प्रक्रिया शुरू हुई जो करीब 2 बजे तक पूरी हो गई थी। प्रदेश के सभी 90 विधायकों ने अपने मतों का इस्तेमाल किया। सत्तारूढ़ भाजपा, इनैलो, 4 निर्दलीय, एक बसपा और एक शिअद के विधायक ने जहां एन.डी.ए. के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया तो वहीं कांग्रेस के 17 विधायकों ने यू.पी.ए. की उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन में मतदान किया।

विधायक जयप्रकाश के वोट का खुलासा नहीं 
निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने अपने मत का खुलासा नहीं किया। जयप्रकाश ने कहा कि उन्होंने अपनी आत्मा की आवाज पर मतदान किया। जबकि उनको दोनों उम्मीदवारों की ओर से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी मर्जी से वोट दिया है।

3 वोटों पर सियासत गर्माई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के एन.डी.ए. उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को 75 सदस्यों के वोट दिलवाने के दावे की गूंज सोमवार को चुनावी प्रक्रिया के दौरान भी सुनाई दी। विधानसभा के बाहर सत्ताधारी व विपक्षी दलों के विधायकों में इस बात की चर्चा होती रही कि आखिर किस तरह से 75 वोट पूरे होंगे। वजह साफ है कि भाजपा, इनैलो, निर्दलीय और बसपा को मिलाकर कोविंद के पक्ष में 72 वोट ही बनते हैं जबकि 3 वोट कांग्रेसी खेमे से किसके होंगे? इस पर तमाम तरह की चर्चाएं होती रही।