प्रजातंत्र को भूल चुकी सरकार लठतंत्र पर कर रही है ज्यादा भरोसा : अशोक अरोड़ा

3/21/2023 9:36:10 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  कांग्रेस के पूर्व नेता अरोड़ा ने मिशन 2024 में मौजूदा सरकार और कांग्रेस में मुकाबले को 80 और 20 का मुकाबला बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा जजपा सरकार से जनता इसलिए परेशान है क्योंकि यह प्रजातंत्र का मायना भूल चुके हैं। लोकतंत्र में भरोसा रखने वाली इस सरकार को बताना चाहिए कि दिल्ली से लड़ाई लड़ने जाने वाले किसानों पर हरियाणा में लटठ क्यों बरसाए गए, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे लगाने वाली इस सरकार ने आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्करों पर लाठियां क्यों बरसाई गई, ओल्ड पेंशन स्कीम जब हिमाचल -राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लागू हो सकती है तो हरियाणा के कर्मचारियों ने क्या कसूर किए हैं, चुनी हुई पंचायत अगर अपने हकों की मांग करता है तो उन पर लठ बरसाए जा रहे हैं, जब इस प्रकार के शर्तें विधायकों और सांसदों पर नहीं तो फिर सरपंचों पर क्यों हैं, अगर ईटेंडरिंग से भ्रष्टाचार खत्म हो सकता तो नगर परिषद- निगम में ई टेंडरिंग की पॉलिसी के बावजूद अपने चहेतों को कैसे टेंडर दिए जा रहे हैं, इससे पारदर्शिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बीडियो, पंचायत अधिकारी, जेई, एसडीओ जैसे अधिकारियों से पास होने वाले टेंडर कैसे गलत हो सकते हैं, अगर कहीं कोई शक होता है तो उस सरपंच के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, ना कि सभी को शक की नजर से देखना चाहिए।

 

प्रॉपर्टी के रेट बढ़ने से भी टैक्स कलेक्शन बढ़ी: अशोक अरोड़ा

 

वित्त वर्ष 2023-24 को लेकर पेश किए गए बजट को मात्र औपचारिकता करार देते हुए पूर्व मंत्री-पूर्व विधानसभा स्पीकर एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक अरोड़ा ने इसे मात्र एक प्रचार के लिए बजट बताया है। उन्होंने कहा है कि लगातार 60 हजार करोड़ से 1 लाख 80 हजार करोड रुपए के बजट का दावा करने वाली प्रदेश सरकार का इसमें आखिर क्या योगदान है, जिस प्रकार से महंगाई बढ़ी है, टैक्स कलेक्शन में भी इसी प्रकार से इजाफा हुआ है। प्रॉपर्टी के रेट बढ़ने से भी टैक्स कलेक्शन बढ़ी है। वहीं दूसरी तरफ यह बात भी सामने आई कि 36 फ़ीसदी उधार लेने जिसमें से 30 फ़ीसदी रीपेमेंट ऑफ़ लोन और ब्याज में दिए जा रहे हैं। यानी उधार उतारने के लिए उधार लिया जा रहा है तो विकास कहां है। अरोड़ा ने मिशन 2024 को लेकर कांग्रेस के प्रमुख मुद्दों में चिकित्सा- सुरक्षा- युवाओं के रोजगार- अच्छी शिक्षा- महिलाओं के सम्मान को प्रमुख मुद्दे बताते हुए कहा कि आज विकास के नाम पर प्रदेश में कुछ नहीं है। स्कूल बंद किए जा रहे हैं। टीचरों की भर्ती हो नहीं रही। जेल में अपराधिक तत्व बैठे-बैठे फिरौती ले रहे हैं। एचपीएससी कार्यालयों में खुलेआम पैसे लेने की बात सामने आई। हर महकमे में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। विकास के लिए आने वाले पैसे में से आधे से ज्यादा कमीशन में दिया जाने लगा है। शिक्षा का निजीकरण प्रदेश की प्राथमिकता हो गई है। रोजगार ना होने की वजह से युवा नशे की ओर जा रहा है, यह मुद्दा प्रमुख हैं।

 

राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठ एसवाईएल मुद्दे को मजबूती से उठाए प्रदेश सरकार : अशोक अरोड़ा

 

अशोक अरोड़ा ने हरियाणा के अलग हाईकोर्ट- राजधानी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि लंबे समय से यह मुद्दे चल रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा। केंद्र सरकार को इस मुद्दे के समाधान की बात कहने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं हो रही। मुख्यमंत्रियों की मीटिंग भी मेरी नजर में उचित नही थी। केंद्र सरकार को इसे दबाव देकर करवाना चाहिए था। यह सरकार की कमजोरी है। हम प्रदेश से जुड़े हर मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं और उठाते रहेंगे। एसवाईएल का लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में केस पेंडिंग था, फैसला प्रदेश के हके में आया। सभी दलों की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मिलने की बात कही, लेकिन आज तक नहीं मिले। मुख्यमंत्री को मजबूती से प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना चाहिए। क्योंकि एसवाईएल प्रदेश की जीवन रेखा है। राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर मजबूती से लड़ाई लड़ने की जरूरत है।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma