दिल्ली कूच को लेकर दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा बयान, किसानों की आवाज दबाना सरकार को पड़ेगा भारी

11/26/2020 4:08:07 PM

रोहतक(दीपक):  राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने  कृषि के तीन बिलों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर सरकार द्वारा रोकने की कार्यवाही पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार संविधान में दिए गए दिए गए स्वतंत्रता के अधिकार को किसानों से  छीनना चाहती है। किसान अपनी जायज मांगों को लेकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहतें है लेकिन सरकार द्वारा किसानों की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है । किसानों की मांग जायज है और वह पूर्णतया किसानों का समर्थन करते हैं । उन्होंने पहले ही कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों बिल गलत हैं और इसके साथ सरकार को किसानों की फसल की निजी खरीद पर न्यूनतम  समर्थन मूल्य की गारंटी देनी होगी । अहंकार में डूबी सरकार को बरोदा चुनाव की हार पर मंथन करना चाहिए ।निर्दयता से किसानों की आवाज दबाना सरकार के लिए भारी पड़ेगा वह आज अपने दादा और स्वतंत्रता सेनानी रणवीर सिंह की 106 वीं जयंती पर उनकी समाधि पर आयोजित की गई प्रार्थना सभा में भाग लेने रोहतक पहुंचे थे। 

दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है  की किसान अपनी जायज मांगों को लेकर  अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के खिलाफ सरकार ने प्रदेश को जिस तरह से छावनी में तब्दील किया है और निर्दयता से किसान की आवाज को दबाया और  कुचला जा रहा है यह कार्रवाई सरकार को भारी पड़ेगी।  उन्होंने कहा कि आज सविधान दिवस है और संविधान में सभी को स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है उसमें किसान भी शामिल है लेकिन यह बड़ा निंदनीय है की प्रजातांत्रिक ढंग से आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज को सरकार दबाने की और कुचलने की प्रयास कर रही है। सरकार को चाहिए कि वह 3 बिलों के साथ चौथा बिल जिसमें निजी खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी हो वह बिल भी लाए ।

उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है और वह उनका पूर्ण रुप से समर्थन करते हैं जब उनसे पूछा गया कि सरकार का आरोप है कि किसानों को बरगलाया जा रहा है तो उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा यह बरगलाने की बात नहीं है बल्कि किसानों की मांग जायज है  चंडीगढ़ में बैठी पूरी सरकार  अहंकार में डूबी है और बरोदा की हार से पर उन्हें मंथन करना चाहिए,  क्योंकि बरोदा के उपचुनाव में किसानों ने इन्हीं तीन बिलों की खिलाफत करते हुए बड़ा मुद्दा बनाया था।  राज्य सरकार और केंद्र सरकार को चाहिए की किसानों की  बात सुने और शांतिपूर्ण ढंग से इसका समाधान निकालें । आंदोलन कर रहे किसानों का रास्ता रोककर उन पर वाटर कैनन का प्रयोग कर सरकार किसानों पर निर्दयता कर रही है जो सरकार को भारी पड़ेगी।

Isha