स्वास्थ्य विभाग ने की क्लीनिक पर छापेमारी , विवादों के घेरे में रेड

3/22/2018 1:10:01 PM

नूंह मेवात(ऐके बघेल): स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को दोपहर बाद फिरोजपुर नमक गांव में क्लीनिक पर छापा मारकर महिला चिकित्सक को दबोचने के अलावा कुछ दवाइयों और उपकरणों को भी कब्जे में ले लिया। पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में हुई शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई हुई। पंचकूला के डॉक्टरों के अलावा स्वास्थ्य विभाग नूंह की टीम ने दोपहर बाद नूंह पुलिस को साथ लेकर दबिश दी। 

सूत्रों के मुताबिक जब रेड की गई तो क्लीनिक बंद था। जैसे - तैसे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवाइयों के अलावा एक महिला को कब्जे में लिया। महिला को पुलिस थाने भी लाया गया। आरोप है कि आरोपी महिला स्वास्थ्य विभाग नूंह में ही कार्यरत है। डयूटी के बाद वह अपने पति के सहयोग से इस क्लीनिक को चला रही थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला को तो छोड़ दिया, लेकिन दुकान के मालिक हनीफ के खिलाफ कार्रवाई करने लगी। 

दुकान मालिक हनीफ कुछ ग्रामीणों के साथ थाना पहुंचे , और डॉक्टरों द्वारा की जा रही कार्रवाई का विरोध करने लगे। थाने में ही गर्मागर्म बहस हनीफ और उसके परिजनों की छापे मारने वाली टीम के साथ हुई। शहीद निवासी फिरोजपुर नमक ने कहा कि जो महिला गलत तरीके से क्लीनिक चलाती है , उसे तो मिलीभगत कर छोड़ दिया गया और दुकान मालिक पर गलत तरीके से कार्रवाई करने लगे , जिसका विरोध किया। 

इस दौरान दुकान मालिक हनीफ थाने से निकल लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिविल सर्जन डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से बात की, तो पंचकूला से आए डॉक्टरों ने मुख्यालय तक बात पहुंचा दी। स्वास्थ्य विभाग ने तो दुकान मालिक हनीफ को छोड़ने का आरोप पुलिस पर ही मढ़ दिया। बात डीसी अशोक शर्मा से लेकर एसपी नाजनीन भसीन तक पहुंची तो डीएसपी वीरेंद्र सिंह से लेकर एसएचओ संजय कुमार यादव को एसपी नाजनीन को सफाई देनी पड़ी। 

बात इतने भर से नहीं बनी एसपी नाजनीन भसीन ने देर शाम करीब साढ़े सात बजे फिरोजपुर नमक गांव के हनीफ और शहीद इत्यादि को बुलाया और बातचीत की। बातचीत के बाद नूंह थाने में बयान दर्ज कराने के लिए कहा। स्वास्थ्य विभाग की रेड सवालों के घेरे में होने की बात आग की तरह नूंह से चंडीगढ़ तक फैल गई। 

जिसके बाद  छापा मारने वाले डीसीओ डॉक्टर दिनेश कुमार , डॉक्टर आशीष , अल आफिया अस्पताल मांडीखेडा में कार्यरत महिला रोग विशेषज्ञ इत्यादि के पसीने छूटने लगे। पुलिस को शिकायत देने में ही डॉक्टरों ने घटों का समय लगा दिया। सीएमओ नूंह का कई घंटे तक डॉक्टर इंतजार करते रहे। मीडिया कर्मियों से पुलिस और डॉक्टर बचते रहे। बड़ी मुश्किल से टीम के सदस्य डॉक्टर आशीष मीडिया के सामने आए और आधे अधूरे जवाब देकर मामले पर पर्दा डालने लगे। 

खास बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई कराती है या मामला विभाग से जुड़ा होने के चलते झोलाछाप डॉक्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराती है। कुल मिलाकर कई घंटे की कड़ी मशक्क्त के बाद खोदा पहाड़ निकली चूहिया वाली कहावत सही साबित हुई।

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