गर्मी ने किया लोगों का बुराहाल, पशुओं की स्वशन गति बढ़ी

6/4/2019 3:02:05 PM

हरियाणा(ब्यूरो): गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है दोपहर की चिलचिलाती धूप और बढ़ती गर्मी को देख लोग गर्मी से बचने के लिए या तो शिकंजवी का सहारा ले रहे हैं  या सर पर कपड़े ढककर निकल रहे है। पिछले कुछ दिन से अधिक गर्मी के होने के कारण देश-प्रदेश में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तोज धूप के कारण किसानों की फसल भी गर्मी से सूख रही है।

इसबार की गर्मी की तपिश ने लोगों को मानों नानी याद दिला दी हो।  सुबह होते ही पारा चढ़ने से बढ़ जाती है सूरज की तपिश और आसमान आग उगलने लगता है । वहीं आमजन प्रभावित हो रहे है वह अपने मुंह और सिर कपड़े से लपेटकर ,आंखों पर ऐनक लगाकर गर्मी से बचाव के लिए गन्ने का रस, शिकंजवी ओर पेयजल का सहारा ले रहे हैं।

लोगों को क्या करना चाहिए गर्मी में-
1. मौसमी फल और हरी सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खाएं
2. छाछ, लस्सी, नीबू पानी, नारियल पानी को डाइट में शामिल करें

क्या नहीं खाएं-
1. ज्यादा तले, मलासेदार खाना ना खाएं
2. अधिक वसा वाले खाने से दूर रहें
3. कैफीन से दूर रहें, डी-हाइड्रेशन बढ़ता है
4. गर्मी में मिठाईयां कम से कम खाएं


गर्मी से पशुओं की स्वशन गति बढ़ी
वहीं गर्मी के मौसम में पशुओं की स्वशन गति बढ़ जाती है, पशु हांपने लगते हैं, उनके मुंह से लार गिरने लगती है। पशुओं के शरीर में बाइकार्बोनेट आयनों की कमी और रक्त के पी.एच. में वृद्धि हो जाती है। पशुओं के रियुमन में भोज्य पदार्थों के खिसकने की गति कम हो जाती है।

जिससे पाच्य पदार्थों के आगे बढऩे की दर में कम हो जाती है और रियुमन की फर्मेन्टेशन क्रिया में बदलाव आ जाता है। त्वचा की ऊपरी सतह का रक्त प्रभाव बढ़ जाता है, जिसके कारण आंत्रिक ऊतकों का रक्त प्रभाव कम हो जाता है।

क्या करें-
1. पेड़-पौधे लगाना
2. पशु चिकित्सक को महिने में एक बार उपचार कराना
3. पशु आवास में रोशनदान लगाना

ड्राय मेटर इंटेक 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है, जिसके कारण दुग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है। पशु को लू लगने पर 106 से 108 डिग्री फेरनहाइट तेज बुखार होता है सुस्त होकर खाना-पीना छोड़ देता है, मुंह से जीभ बाहर निकलती है तथा सही तरह से सांस लेने में कठिनाई होती है तथा मुंह के आसपास झाग आ जाता है। 

लू लगने पर आंख व नाक लाल हो जाती है। प्राय: पशु की नाक से खून आना प्रारंभ हो जाता है जिसे हम नक्सीर आने पर पशु के हृदय की धड़कन तेज हो जाती है और श्वास कमजोर पड़ जाती है। जिससे पशु चक्कर खाकर गिर जाता है तथा बेहोशी की हालत में ही मर जाता है ।
 

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