हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा- क्या गवाहों को मरवाने के केस में भी शामिल हैं नारायण साईं

8/2/2018 11:50:41 AM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): रेप केस में दोषी आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं उर्फ नारायण आशा रामजीत हरपलानी के खिलाफ हरियाणा में दर्ज आपराधिक केस में उसकी जमानत याचिका मामले में हाईकोर्ट ने केस के जांचकत्र्ता पुलिस अफसर को आदेश जारी किए हैं। जस्टिस दया चौधरी ने मामले में लंबी बहस सुनने के बाद कहा कि यह जानना जरूरी है कि क्या याची(नारायण साईं) उन अन्य केसों में भी शामिल है जिनमें गवाहों को धमकाया, मरवाया या गायब करवाया गया है। हाईकोर्ट ने मामले में जांचकत्र्ता पुलिस अफसर को 3 सप्ताह में यह जानकारी एफिडैविट के रूप में पेश करने के आदेश दिए हैं। 

सितम्बर के पहले सप्ताह में केस की अगली सुनवाई होगी। इससेे पहले मामले में हरियाणा पुलिस द्वारा कथित रूप से गलत जानकारी एफिडैविट में पेश करने पर हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई थी। जिसके बाद डी.एस.पी. पानीपत राजेश कुमार ने हाईकोर्ट को बताया था कि नारायण साईं के खिलाफ कुल 4 केस दर्ज किए गए थे जो अभी लंबित हैं। इनमें वर्ष 2013 में 2 केस गुजरात पुलिस ने दर्ज किए थे। जिनमें से पहला केस दुष्कर्म, छेड़छाड़, धमकाने, दंगा करने, चोट पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने व अन्य धाराओं में दर्ज किया गया था। 
 

वहीं दूसरा केस भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश व अन्य धाराओं में दर्ज था। इसके अलावा तीसरा केस हरियाणा के पानीपत में वर्ष 2015 में दर्ज हुआ था जिसमें हत्या के प्रयास, ट्रैसपासिंग, धमकाने व आम्र्स एक्ट जैसी धाराएं थीं। वहीं चौथा केस महाराष्ट्र पुलिस ने जालसाजी, चोट पहुंचाने व धमकाने तथा अन्य धाराओं में वर्ष 2008 में दर्ज किया गया था।

Deepak Paul