घायल SDM को नहीं मिला इलाज, PMO को फोन किया तो चिकित्सक पहुंचे अस्पताल

4/15/2018 12:15:27 PM

कैथल(ब्यूरो): लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में एस.डी.एम. कमलप्रीत कौर अधिकारियों की बैठक ले रही थी। इस दौरान फर्श पर पानी पड़ा होने के कारण जैसे ही एस.डी.एम. चलने लगी तो पांव फिसल गया और वह फिसलकर गिरने से घायल हो गई। जिन्हें चोट लगने के कारण सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया । जहां पर करीब एक घंटे तक एस.डी.एम. बैड पर लेटी रही लेकिन उनका उपचार नहीं हो सका।

जब पी.एम.ओ. को फोन किया तो चिकित्सक अस्पताल पहुंचे। 1.30 घंटे बाद एक्स-रे हो पाया। एमरजेंसी में अव्यवस्था देख एस.डी.एम. बोली जब उसके इलाज में इस प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है तो आम आदमी का यहां इलाज कैसे हो पाता होगा। यह शर्मनाक व गंभीर विषय है, मुझे खेद है। एस.डी.एम. ने स्टाफ व चिकित्सक के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए डी.सी. को भी पत्र लिखने की बात कही है।

पी.एम.ओ. को फोन करने के बाद हरकत में आया स्टाफ
एस.डी.एम. के इलाज में लापरवाही को देख अधिकारी भी हैरान हैं। तहसीलदार रविंद्र मलिक, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विक्रम सिंह, नायब तहसीलदार सहित एस.डी.एम. कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार स्वयं कभी स्टाफ तो कभी चिकित्सक को मैडम के इलाज व जांच के लिए बुलाते हुए नजर आए। 10 से 15 मिनट तो एस.डी.एम. व्हीलचेयर पर बैठी रही लेकिन प्राथमिक उपचार तक नहीं मिला

इसके बाद स्टाफ की बजाय महिला थाने की पुलिस कर्मचारी उन्हें कमरे में लेकर गई। जहां बैड पर एस.डी.एम. को लिटाया गया लेकिन यहां भी जब कोई नहीं आया तो तहसीलदार ने अस्पताल के प्रिंसिपल मेडीकल ऑफिसर (पी.एम.ओ.) को फोन किया तो चिकित्सक व स्टाफ हरकत में आया। इसके बाद तुरंत डा. बी.बी. कक्कड़, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अमन सूद, डा. आर.डी. चावला व रेनु चावला अस्पताल पहुंची। जांच करने के बाद एक्स-रे करवाए गए। इसके बाद एस.डी.एम. को एम्बुलेंस से ही घर छोड़ा गया।

इलाज करवाने आए लोगों में सुरसुराहट स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत न करें तो क्या करें
सिविल अस्पताल में जब इलाज के लिए एस.डी.एम. कमलप्रीत पहुंची तो वहां कई लोग भी अपनी बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हुए थे। इलाज के लिए एस.डी.एम. को इंतजार करता देख लोग बोले कि लोग ऐसे ही स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शिकायत नहीं करते। यहां इलाज के लिए आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और दुखी व्यक्ति शिकायत भी न करे तो क्या करे। बीमारियों का बोझ लिए लोग कभी ओ.पी.डी. तो कभी लैब में टैस्ट व दवाइयों के लिए भटकने को मजबूर हैं। चिकित्सक ठीक से मरीजों से बात नहीं करते। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घायलों को टांके लगाते हैं।

चिकित्सकों ने बरती लापरवाही: एस.डी.एम.
एस.डी.एम. कमलप्रीत ने बताया कि जब वह इलाज के लिए सिविल अस्पताल गईं तो वहां पर ड्यूटी पर चिकित्सक ही नहीं था। उन्होंने स्वयं पी.एम.ओ. को फोन किया तो चिकित्सक ड्यूटी पर आए। इससे पहले उन्हें करीब एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वे डी.सी. को लैटर लिखेंगी।
 

Deepak Paul