द इनसाइड स्टोरी: कैसे बने रणदीप सुरजेवाला जींद के उम्मीदवार!

1/10/2019 3:04:22 PM

जालंधर (संजीव शर्मा): जींद का उपचुनाव बड़ा दिलचस्प हो गया है। विभिन्न दलों द्वारा खासकर कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने चुनाव में रस भर दिया है। अब यह मामूली उपचुनाव नहीं रहा जिसके बारे आम धारणा यह थी कि उप-चुनाव में सरकारें हावी रहती हैं। समीकरण ऐसे बने हैं कि सरकार की भी साँसें फूल जाएंगी। वास्तव में जब तक नतीजे नहीं आते सबकी सांस अटकी रहेगी। खैर ये बातें बाद में करेंगे फिलहाल सुरजेवाला की उम्मीदवारी की चर्चा कर लेते हैं।



पंंजाब केसरी के सूत्रों के मुताबिक यह सब राहुल गाँधी के अड़ जाने से हुआ है। दरअसल जींद में उपचुनाव की टिकट हरियाणा कांग्रेस के सभी धड़े एक निर्दलीय विधायक के बेटे को देने के लिए सहमत हो गए थे। बुधवार को दिल्ली में  तीन दौर के मंथन के बाद  राहुल गाँधी के पास एक ही नाम भेजा गया था। जींद में उम्मीदवार का चयन करने के लिए केसी वेणुगोपाल के प्रभार में लम्बा मंथन हुआ। भूपेंद्र हुड्डा, किरण चौधरी, अशोक तंवर, सैलजा और सुरजेवाला सभी पांचों हरियाणा कांग्रेस इन मंथन बैठकों में शामिल थीं और अंत में एक निर्दलीय विधायक के बेटे का नाम फाइनल करके आगे भेजा गया था। साथ में आगामी चुनावों के समीकरणों का लम्बा चौड़ा हवाला भी सलंग्न था कि इसके क्या लाभ होंगे।



सूत्र बताते हैं कि रात को सभी टिकट और प्रत्याशी फाइनल मानकर बैठ गए। यहां तक कि जिसका नाम राहुल गाँधी को भेजा गया था उसने  सुबह समर्थकों से मीटिंग भी फिक्स कर ली थी, लेकिन जैसे ही केसी वेणुगोपाल यह सारा मसौदा लेकर राहुल गाँधी के पास पहुंचे बाजी पलट गयी। राहुल गाँधी ने उम्मीदवार को टिकट देने से इंकार कर दिया। ऐसे में समस्या यह आ गयी की फिर कौन लड़ेगा और वो भी तब जब नामांकन के लिए कुछ ही घंटे बचे थे। राहुल गाँधी ने साफ कहा कि किसी भी सूरत में कमतर उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा।



सूत्र बताते हैं कि एक-एक करके तमाम दिग्गज नेताओं को फोन करके जगाया गया और उनसे चुनाव लडऩे को पूछा गया। लेकिन उपचुनाव में कूदने से सभी कन्नी काट गए। ऐसे में जब सुरजेवाला को लडऩे के लिए कहा गया तो उन्होंने हामी भर दी (यह बॉस को इंकार नहीं कर पाने की मज़बूरी भी हो सकती है ) और इस तरह से सुरजेवाला उम्मीदवार बन गए। 

Shivam