बेबसीः श्मशान घाट के लॉकर भी हुए अस्थियों से फुल, कोरोना के मृतकों के लिए बनाए अलग कुंड

4/15/2020 5:04:42 PM

अंबाला(अमन)- कोरोना वायरस के चलते 23 मार्च से लॉक डाऊन घोषित होने से पूर्व और बाद जिला में मृतकों की करीब 100 अस्थियां विसर्जन के इंताजर में हैं, क्योंकि हालत ऐसे हो गए हैं कि मृतकों के परिजनों को अपने दिवंगत की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जन के लिए इंतजार करने को मजबूर होना पड़ रहा है ! जिला के विभिन्न शमशान घाट के अस्थियां रखने वाले लॉकर लगभग फुल हो चुके हैं और मृतक के परिजनों को मजबूरन अस्थियों को रामबाग के अस्थियों वाले कमरे की दीवार पर कुण्डी के सहारे लटकाना पड़ रहा है।

अंबाला छावनी के रामबाग में करीबन 36 और शहर के गोबिंद पूरी में 35 लॉकर फुल हो चुके हैं और इतनी ही संख्या में अस्थियां दीवार के साथ कुण्डी लगा कर टांगी दिखाई दे रही हैं । शहर के गोबिंदपुरी स्थित शमशानघाट के प्रधान एडवोकेट संदीप सचदेवा खेद प्रकट करते कहा कि कोरोना महामारी के चलते उन दिवंगत आत्माओं की अस्थियां समय की मार और धर्म अनुसार उनकी अंतिम क्रियाए भी पूरी नहीं हो पा रही। यहां लॉकर में 35 के करीब मृतकों की अस्थियां संस्कार के बाद पड़ी हैं और इतनी ही दीवार पर कुंडियां लटका कर टांगी गई हैं ।

उन्होंने उन परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते जिला प्रशासन से मांग की है कि यदि ऐसे कुछ और केस बढ़ जाते हैं तो ऐसे दिवंगत लोगों की अस्थियां हरिद्वार विसर्जन का इंतजाम करने के साथ उन्हें इजाजत दी जाएं तांकि वे इन दिवंगत आत्माओं की धार्मिक रीती अनुसार विसर्जन कर सके। अंबाला केंट रामबाग के आचार्य घनश्याम की माने तो लॉक डाऊन के बाद सभी अस्थियां यहाँ रखी गई हैं, कुछ इक्का दुक्का लोग दिवंगत आत्माओं की अस्थियां लेकर यमुना या जनसुई हैड में बहा देते हैं क्योंकि प्रशासन की तरफ से हरिद्वार विसर्जन की परमिशन नहीं मिल रही है।
 
कोरोना के मृतकों के लिए बनाए अलग कुंड

दूसरी और कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन ने कोरोना पीड़ित की मृत्यु होने पर उनके संस्कार के लिए अंबाला शहर गोबिंदपुरी शमशान घाट में प्रबंधन को 3 शैड बनाने के निर्देश दिए थे। इस बारे प्रधान संदीप सचदेवा का कहना है कि सरकार के निर्देश पर 3 ऐसे कुंड बनाये गए हैं जिनमे केवल कोरोना पीड़ित की मृत्यु होने पर उनका संस्कार किया जा सके। यह अलग जगह 250 गज में तीन कुंड बनाये गए हैं जिससे उसका असर दूसरे पर न पड़ सके ! उनका कहना है मगर अभी तक यहाँ ऐसा कुछ नहीं हुआ है !   

Isha