कैथल के शहीद राजेश पुनिया की शहादत को भूली सरकार, परिजनों को अबतक कोई मदद नहीं

9/26/2018 4:02:31 PM

कैथल(जोगिंद्र कुंडू): कैथल के शहीद की शहादत को सरकार द्वारा नजरअंदाज करने का मामला सामने अाया है। जो शहीद देश के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर दुश्मनों के साथ लड़ते-लड़ते लद्दाख के पास एक चोटी पर शहीद हो गया। अाज उसी का परिवार अार्थिक मदद के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। गौरतलब है कि 18 अगस्त 2018 को कैथल के खंड गुहला -चीका के गांव भागल का 23 वर्षीय एक नौजवान राजेश पुनिया अातंकवादी हमले के दौरान शहीद हो गया था। सरकार ने उस दौरान पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए और एक सरकारी नौकरी देने का एेलान किया था, लेकिन एक महिना बीत जाने के बाद भी परिवार सहायता राशि के लिए दर-दर की ठोेकरे खा रहा है। 

गौरतलब है कि 18 अगस्त लद्दाख की चोटी में शहीद हुए जवान राजेश पुनिया का 21 अगस्त को राजकीय मान सम्मान के साथ संस्कार किया गया था , जिसे अार्मी ने शहीद का दर्ज दिया। शहीद के संस्कार में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, स्थानीय विधायक कुलवंत बाजीगर के साथ-साथ पूरा जिला प्रशासन पहुंचा। इसके अलावा हरियाणा जिले से 20 हजार लोग शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और श्रद्धांजलि दी थी। इस मौके पर सरकार ने परिवार को सहायता राशि के रूप में 50 लाख रुपए की मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वायदा किया था, लेकिन पीडित परिजनों का कहना है कि लगभग घटना को 1 माह बीत चुका है, लेकिन अाज तक उन्हें ना कोई पैसा और ना ही कोई नौकरी दी गई है और अब शहीद की शहादत पर सरकार द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं। 

शहीद राजेश के भाई का कहना है कि घर की स्थिति बहुत खराब है। घटना के बाद मां अपना संतुलन खो बैठी है और पिता की हालात भी ठीक नहीं रहती है। घर का गुजारा रिश्तेदारों की मदद से चल रहा है। घर में कमाने वाला भाई राजेश पुनिया था जो कि अब शहीद हो चुका है। दोनों माता-पिता बिस्तर पर हैं। उसका कहना है कि सरकार ने जो वायदा किया था जल्द से जल्द उसे पूरा करें ताकि परिवार की अार्थिक स्थिति ठीक हो सके। घर का गुजारा चलना मुश्किल हो गया है और उनके परिवार को एक रोजगार की सख्त जरूरत है। 
 

Deepak Paul