CM को ठेंगा दिखा रहे बदमाश, आम लोगों और कारोबारियों में बढ़ रही है दहशत: दुष्यंत चौटाला
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 06:54 PM (IST)

चंडीगढ़: पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि हरियाणा में कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर होती जा रही है और मुख्यमंत्री द्वारा पोस्टर जारी कर अपराधियों को दी जा रही चेतावनियां अब केवल मीडिया की सुर्खियां बनकर रह गई हैं। जमीनी हकीकत यह है कि अपराधी बेखौफ होकर दिनदहाड़े वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और आम जनता खुद को पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर गहरी चिंता प्रकट की है और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।
दुष्यंत चौटाला ने विशेष रूप से जींद जिले में हुई दो ताजा घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री सुबह अपराधियों को चेतावनी देते हैं और दूसरी तरफ शाम होते-होते प्रदेश में खून-खराबा हो जाता है। शुक्रवार को जींद में एक शराब ठेकेदार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई, जो यह दर्शाता है कि संगठित अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं। वहीं दूसरी घटना में दो सगी बहनों पर जानलेवा फायरिंग की गई, जिससे न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, बल्कि यह भी साबित होता है कि अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं रह गया है। दुष्यंत ने कहा कि सीएम फिल्मी डायलॉग में अपराधियों को हरियाणा छोड़ने के लिए कहते हैं, लेकिन हरियाणा छोड़ने को मजबूर कारोबारी और आम लोग दिख रहे हैं।
दुष्यंत चौटाला ने बीते कुछ दिनों की अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि करनाल में व्यापारी से लाखों की लूट, फरीदाबाद में युवक की गोली मारकर हत्या, शाहाबाद में शराब ठेकेदार की गोली मारकर हत्या, रोहतक में छात्रा से छेड़छाड़, सिरसा में फिरौती मांगने की घटनाएं, रोहतक में गैंगवार और हिसार-भिवानी में लगातार हो रही चोरी व डकैती से पूरे प्रदेश में दहशत का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हालात तब हैं जब मुख्यमंत्री खुद गृह मंत्री का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। ऐसे में ना केवल प्रशासनिक विफलता सामने आ रही है, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की भी गंभीर कमी दिख रही है।
जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार अपराध नियंत्रण के नाम पर केवल बयानबाजी कर रही है, जबकि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण तक मिलता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही तो मुख्यमंत्री को गृह मंत्री के नाते इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि राज्य में वरिष्ठ अधिकारियों को अपराध नियंत्रण की ज़िम्मेदारी दी जाए, थाना स्तर पर जवाबदेही तय की जाए और संगठित अपराधियों पर तुरंत प्रभाव से कठोर कार्रवाई की जाए।