एक गाय का चक्कर, सरकार बनी ‘घनचक्कर’

3/11/2018 12:06:55 PM

अम्बाला(ब्यूरो): घर से खुल जाने के बाद गौशाला में पहुंची एक दुधारू गाय को छुड़ाने के लिए गाय मालिक के पसीने तो छूटे ही, सरकार के मंत्री को भी इस बात का अहसास हो गया कि अफसर उनके आदेशों का पालन किस कदर करते हैं। मंत्री के आदेशों के बावजूद गाय का मालिक करीब एक सप्ताह तक 2 उपमंडल अधिकारियों के चक्कर लगाता रहा। आखिरकार मंत्री को एक बार फिर हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद एक गरीब व्यक्ति को उसकी गाय मिली

भिवानी के विकास नगर का रहने वाला हवा सिंह चौकीदारी का काम करता है। उसके पास एक दुधारू गाय है। यह गाय गत 18 फरवरी को खूंटे से खुलकर शहर में चली गई। कमेटी के कर्मचारियों ने गाय को पकड़कर नंदीशाला में पहुंचा दिया। गाय की तलाश में वह इधर-उधर भटकता रहा लेकिन कई दिनों तक उसका कोई पता नहीं चला। काफी मशक्कत के बाद हवा सिंह को पता चला कि उसकी गाय भिवानी की गौशाला में है। 

वह गाय को छुड़ाने के लिए गौशाला गया तो उससे 5200 रुपए की मांग की गई। वह यह राशि देने में असमर्थ था। उसने अपनी जान-पहचान वाले कुलदीप से संपर्क किया तो कुलदीप ने अपने स्तर पर प्रदेश के कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़ को हवा सिंह की समस्या से अवगत करवाया। धनखड़ ने मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए एस.डी.एम. को गाय दिलाने के आदेश दे दिए। मंत्री ने अपने कोटे से गौशाला को 21 हजार रुपए भी दे दिए। इसके बाद जब हवा सिंह फिर गौशाला पहुंचा तो उसे वहां से बैरंग लौटा दिया गया।

करीब एक सप्ताह तक वह एस.डी.एम. भिवानी और लोहारू के चक्कर लगाता रहा लेकिन उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। कुलदीप ने बाद में हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव से संपर्क किया तो जवाहर यादव ने बताया कि मंत्री की ओर से गौशाला को राशि दी जा चुकी है। एस.डी.एम. को भी बोल दिया गया है। हवा सिंह इसके बाद एक बार फिर भिवानी एस.डी.एम. से मिला तो एस.डी.एम. ने भी कहा कि 5200 रुपए तो देने ही पड़ेंगे। आखिरकार मंत्री को एक बार फिर इस मामले में दखल देना पड़ा। इसके बाद ही हवा सिंह को उसकी गाय मिल सकी। इसी बीच चर्चा जोर पकडऩे लगी कि इस सरकार में अफसर मंत्रियों तक की बात नहीं मानते तो आम लोगों के काम कैसे हो पाएंगे। 

जवाहर यादव, चेयरमैन।
ढिगांव रैली के दौरान मामला सामने आया था। मामला लोहारू एस.डी.एम. का समझा गया था लेकिन भिवानी का निकला। भिवानी एस.डी.एम. उत्तम सिंह से बात हुई है। गौशाला प्रबंधन ने पैसे मांगने की बात से इंकार किया है।