कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, संस्था ने सप्ताह में दो दिन लॉकडाउन के लिए पीएम को लिखा पत्र

3/17/2021 6:33:03 PM

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना): वर्ष 2020 का मार्च माह ऐसा माह रहा जिसे कोई भी भारत का नागरिक नहीं भूल सकता और यह माह वर्ष इतिहास के पन्नों में भी लिखा जाएगा। मार्च 2020 में कोरोना वायरस को लेकर पूरे भारत देश में प्रथम कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा 21 दिन का लॉकडाउन लगाया और यह क्रमवार आगे भी बढ़ाया गया। जीवन की रफ्तार रुक सी गई थी। लोगों को बेसब्री से इंतजार था  कि कब लॉकडाउन खुले और सामान्य जनजीवन पटरी पर आ जाए। 



कोई दो राय नहीं कि 21 दिन के लॉकडाउन ने ही देश की कमर को तोड़ कर रख दिया था। अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई, देश की आय के स्रोत बंद हो गए और कोष पर अतिरिक्त भार पड़ गया। खैर! कुछ भी हो हमारे पास कोरोना नामक बीमारी पर विजय पाने के लिए लॉकडाउन के अलावा कोई चारा भी नहीं था। मानव जीवन के अस्तित्व को बचाने को लेकर शेष सभी नुकसान बौने दिखाई पड़ते दिखाई दिए। 

आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना के पहले मरीज के लक्षण फरवरी के प्रारंभ में केरल राज्य में सामने आए। 22 मार्च 2020 तक यह आंकड़ा 391 को शुरू हुआ। जब हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन का जन कर्फ्यू लगाया। इसी कड़ी में 24 मार्च से 21 दिन का पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया। ताकि यह संक्रमण देश में अपने पैर न पसार सके। बावजूद भी इसके यह आंकड़ा 5 हजार को पार कर गया। 



ऐसे कोरोना संक्रमण से देश को जन धन श्रति हुई किसी से अछूती नहीं। भारत देश ने वैक्सीन भी इज़ाद कर ली है। फरवरी माह 2021 में कोरोना संक्रमण खत्म सा हो गया, लेकिन मार्च 2021 में कोरोना संक्रमण ने दोबारा फिर यू टर्न ले लिया है। अगर सिरसा जिला की बात करे तो जहां फरवरी माह के अंत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या शून्य हो गई, वहीं मार्च माह के दूसरे सप्ताह में जहां यह संख्या 14 थी, वहीं गत दो दिनों में ही यह बढ़ कर 41 पहुंच गई जो कि जिला के लिए एक चिंता का विषय है।

इतना ही नहीं आज प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटर के चंडीगढ़ कार्यालय में काम करने वालों की कोरोना रिपोर्ट जो पॉजिटिव आई है यह अधिक चिंता का विषय है। इसी चिंता को लेकर जिला में या फिर राज्य में संक्रमण न फैले इसके लिए शहर की सामाजिक संस्था सूचना का अधिकार जागृति मंच के सदस्यों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि देश भर में सप्ताह के दो दिन यानी शनिवार व रविवार को पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगाया जाए व कोविड़ -19 से बचाव को लेकर सख्त हिदायतें देते हुए उनकी सख्ती से पालना भी सुनिश्चित की जाए। 



अगर समय रहते ऐसा लॉकडाउन न घोषित किया होता तो भारत में स्तिथि एक बार फिर भयावह हो जाए, से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इस के साथ सूचना का अधिकार जागृति मंच ऐलनाबाद के सदस्यों ने अपने पत्र में यह भी मांग की है कि कोरोना वैक्सीन को घर-घर लगाने को लेकर उपमंडल स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ निजी स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले डॉक्टर व फार्मासिस्ट की टीम की सेवाएं भी ली जाए और ऐसा टीकाकरण हर भारतीय के लिए बन्धनकारी किया जाए। ताकि कोई भी व्यक्ति ऐसी वैक्सीनेशन के लिए इनकार न कर सके, जो कि मानव जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है।
 

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Content Writer

vinod kumar