आखिरी सफरः शिमला बर्फबारी देखने निकले पांच दोस्तों की दर्दनाक मौत, गांवों में नहीं जला चूल्हा

12/23/2019 9:32:04 AM

पंचकूला: कुफरी शिमला बर्फबारी देखने निकले पांच दोस्तों की मौत की सूचना मिलते ही रायपुररानी क्षेत्र में शोक छा गया। कंडाघाट में कार के गहरी खाई में गिरने की सूचना मिलते ही रायपुररानी के तीन गांवों में रविवार को जैसे आफत टूट पड़ी हो। मीरपुर, रायपुररानी समेत गांव गढी कोटाहा इस दुर्घटना से अवाक है। गांव गढी कोटाहा के तीन युवा एक साथ ही हादसे के शिकार हो गए। तीन युवाओं की एक साथ मौत होने से कड़ाके की ठंड में लोगों के आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

मातम के कारण ब्लाक के गढी कोटाहा और आसपास के गांवों में दोपहर और शाम का चूल्हा नही जला। दोपहर तक आधे से ज्यादा ग्रामीण कंडाघाट घटनास्थल पर पहुंच गए थे। गांव गढी कोटाहा के तीनों युवक अविवाहित थे। इनमें से सचिन धीमान और राहुल खान स्टूडेंट्स थे जबकि विपुल शर्मा शैंकी रायपुररानी मार्केट कार्यालय में कार्यरत था। ग्रामीणों और परिजनों के अनुसार परिवार के तीन भाई और एक बहन में सबसे बड़े विपुल शैंकी की करीब दो महीने बाद 4 फरवरी को शादी थी। उसको लेकर घरवाले तैयारियों में जुटे थे। सभी बुकिंग हो चुकी थी। लगभग दो वर्ष पहले विपुल के पिता डॉ. मनोज शर्मा की मौत के बाद अब पूरी जिम्मेवारी उनकी माता पर है।

गांव गढी कोटाहा निवासी सचिन धीमान जो कि एसआरएम कालेज में बीटेक का छात्र था। परिजन उसके इंजीनियर बनने की बाट जोह रहे थे लेकिन इस हादसे में घर का नौजवान चिराग बुझ जाएगा कभी सपने में भी नही सोचा था। गांव गढी कोटाहा से एक साथ तीन युवक और रायपुररानी क्षेत्र से पूरे पांच युवकों की मौत पर हर किसी ने शोक जताकर परिवार को सांत्वना देने की कोशिश की। गांव गढी कोटाहा निवासी सभी अलग-अलग बिरादरी के युवक लेकिन आपस में तीनों दोस्त थे। कार दुर्घटना में एक साथ मौत होने की गांव के किसी भी व्यक्ति को विश्वास नही हो रहा है। शनिवार सभी एक साथ शिमला घूमने निकले थे और आज इस प्रकार दुर्घटना के बाद उनके शव आएंगे किसी ने सोचा भी नहीं था।

शवों का कंडाघाट के अस्पताल में हुआ पोस्टमार्टम
सभी शवों का हिमाचल के कंडाघाट अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शाम लगभग छह बजे राहुल खान का शव ही गांव में पहुंचा। उसकी सूचना मिलने पर आसपास के गांवों के लोग भारी संख्या में परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे। राहुल खान के पिता बाबू खान जो कि मोरनी उप-तहसील में रीडर के पद पर कार्यरत हैं वे अपने बेटे को सरकारी सेवा में अधिकारी बनाना चाहते थे। उसे लेकर वह पंचकूला सरकारी क्वार्टर में ही रह कर कोचिंग दिलवा रहे थे लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था। अपने नौजवान बेटे के शव को देखकर माता-पिता विलाप कर रहे थे कि हमने किसी का क्या बुरा किया जो हमारे साथ ऐसा हुआ। देर रात तक अन्य चार शव नहीं पहुंचे थे। ग्रामीणों के अनुसार सभी का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा।

गांव मीरपुर निवासी हुस्न पाल गुज्जर की कार दुर्घटना में निधन के बाद मानों परिवार ही बिखर गया। ग्रामीणों ने बताया कि हुस्नपाल के माता पिता का पहले ही स्वर्गवास हो चुका है। एक भाई के साथ अपने परिवार में रहने वाले हुस्नपाल की तीन बेटियां और एक बेटा है। रायपुररानी निवासी महावीर कोचर भी अविवाहित और अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। महावीर के पिता सुमेर चंद ने मजदूरी का कार्य कर बच्चों को पढ़ाया लिखाया व पिछले माह ही नवंबर में दूसरी बेटी की शादी करने के बाद महावीर की शादी करने वाले थे लेकिन माता-पिता रूंधे गले व अपने बेटे को खो देने के सदमे के बाद यही बोल रहे थे उन्हें क्या पता था कि हमारा वंश ही नष्ट हो जाएगा। रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे तक चारों युवकों के शव न पहुंचने तक क्षेत्र के लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंचते रहे।

क्षेत्र व मार्केट कमेटी विभाग के अधिकारियों ने जताया शोक
रायपुररानी मार्केट कमेटी सेक्रेटरी नवदीप सिंह, मार्केट कमेटी चेयरमेन हरपाल राणा, सरपंच संगठन के ब्लाक प्रधान शरणजीत सिंह काका फिरोजपुर, गांव मीरपुर के सरपंच पाला राम, गांव गढी कोटाहा के सरपंच महिंद्र सैनी, अश्वनी शर्मा रीडर, निखिल मंगला प्रधान जिला आढ़ती एसोसिएशन, रायपुररानी केमिस्ट एसोसिएशन, रविदास सभा सहित क्षेत्र की सभी सामाजिक संस्थाओं ने युवाओं की अकस्मात मृत्यु पर शोक संवेदना प्रकट करते दु:ख जताया है।

Edited By

vinod kumar