हरियाणा की जनता पर 15 मई तक बिजली की मार पड़ना तय

4/29/2022 6:59:53 PM

चंडीगढ़(धरणी): कई दिनों से चल रहे बिजली संकट का सामना अभी कुछ दिनों तक हरियाणा वासियों को और करना पड़ेगा। लगातार हरियाणा के बिजली मंत्री द्वारा बिजली समस्या का जल्द निराकरण करने के बयानों से कहीं ना कहीं लोगों में बड़ी उम्मीदें थी कि जल्द स्थितियां सुधरेगी। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि लगभग 15 मई तक धीरे धीरे स्थितियों में सुधार आएगा यानि लगातार गर्मी अपना तांडव मचा रही है, वही अभी कुछ दिनों तक काल्पनिक संसाधनों से आमजन को ठंडक भरी राहत नहीं मिल पाएगी। मनोहर लाल ने स्थिति को साफ करते हुए बताया कि प्रदेश में बिजली की डिमांड और सप्लाई में लगभग 2000 मेगावाट का गैप चल रहा है जो बिजली पहले खुली मार्केट से कोई भी प्रदेश अपनी जरूरत और क्षमता अनुसार कम ज्यादा रेट में खरीद सकता था। केंद्र सरकार द्वारा खुली मार्केट की बिजली का अधिकतम मूल्य 12 रुपए प्रति यूनिट तय कर देने के बाद से अब यह बिजली कोटे के अनुसार ही रोजाना 200-300 मेगावाट ही मिल पा रही है। जबकि पहले 17-18 रुपए तक भी बिजली की ज्यादा खरीद कर ली जाती थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 15 साल से अदानी से कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार बिजली खरीदी जा रही थी। लेकिन किसी कारण यह बिजली आनी बंद हो गई। जो कि दोबारा एक तारीख से लगभग 500 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी और 10 दिन के बाद 500 मेगावाट और मिलने की बात हुई है। 15 मई तक बिजली को लेकर स्थितियां सामान्य नहीं हो पाएंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि पड़ोसी राज्यों पंजाब इत्यादि में बिजली का संकट और भी अधिक गहराया हुआ है। हरियाणा की स्थितियां अन्य राज्यों से कुछ बेहतर हैं। लेकिन हालात सामान्य नहीं है। इसीलिए इंडस्ट्री और रिहायशी क्षेत्रों में कुछ घोषित कट लगाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि एक अन्य कंपनी से 3 साल के लिए 5.70 रुपए प्रति यूनिट की बातचीत चल रही है। अगर कहीं और से इससे सस्ती बिजली मिलेगी तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी। क्योंकि तीन चार महीने के सीजन में पहले 17-18 और अब 12 रुपए प्रति यूनिट हम बिजली खरीद रहे हैं और कभी अन्य महीनों में ढाई तीन रुपए भी बिजली खरीदी जाती है।  एवरेज निकालने के बाद अगर 5.70 के आसपास होगी तो हम इस कंपनी से डील फाइनल करेंगे।

15 साल पहले हुए पीपीए में कमजोर पक्ष के कारण अदानी आज लाभ उठा रहा है :

मुख्यमंत्री ने बताया कि अदानी से 15 साल पहले कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में डील करते वक्त पीपीए सोच समझकर नहीं बनाया गया। जिसका लाभ मौका अनुसार आज अदानी ग्रुप उठा रहा है। इस पीपीए के अनुसार बाजार में रेट बढ़ने पर सरकार को रेट के अनुसार अदा करना पड़ेगा। जबकि किसी कारण से अदानी बैक आउट करता है तो उस पर कोई भी जुर्माना नहीं लगाया जा सकता है। यह एक बड़ी कमी है। लेकिन हरियाणा सरकार का यह समझौता है। उस पर हमें चलना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि किन्ही टेक्निकल कारणों से अदानी से बिजली आनी बंद हुई थी, जोकि इंपोर्टेड कोल में लगभग ढाई गुना रेट बढ़ने के कारण हमसे लेना चाहते हैं। जो कि हमें यह बिजली बहुत महंगी पड़ रही है। लेकिन हम 70 फ़ीसदी डोमेस्टिक कॉल की बिजली अपनी पूरी लेंगे।

बिजली कटौती से आमजन की आमदनी में भी हो रही कटौती

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस बयान से यह तो तय हो गया है कि अभी प्रदेश को राहत मिलने वाली नहीं है। अभी आसमान से पढ़ रही गर्मी जहां आमजन के आम जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर रही है। वही बिजली के घोषित अघोषित कटों के कारण आम जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। क्योंकि ना केवल घरेलू जीवन बल्कि आमजन के कारोबार पर भी इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। लगातार बिजली की कमी के चलते ज्यादातर व्यापारिक संस्थानों को जनरेटर लगातार चलाने पढ़ रहे हैं। डीजल की बढ़ी कीमतों के बाद जनरेटर के प्रयोग से उत्पादों की लागत कीमत में काफी बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में अधिकतर संस्थान अपने कारोबार को मात्र बिजली पर ही चला पा रहे हैं। जिससे ना केवल राज्य सरकार के खजाने में जमा होने वाले टैक्स पर फर्क पड़ेगा, बल्कि इन संस्थानों में कार्य करने वाले लाखों-करोड़ों लोगों की जेब पर भी भारी असर पड़ना तय है।

 

 

Content Writer

Vivek Rai