शहीदों और तिरंगे के सम्मान में सड़कों पर उमडऩे वाले असली किसान : धनखड़

8/3/2021 11:11:27 AM

भिवानी : हरियाणा भारतीय जनता पार्टी ने कृषि मंत्री जे.पी. दलाल के नेतृत्व में रविवार को 15 दिवसीय शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा के पहले ही दिन बहल से लोहारू तक लगभग 40 किलोमीटर लंबी यात्रा में करीब 5 हजार से अधिक ट्रैक्टरों पर किसानों के हुजूम से आंदोलनरत कथित किसान नेताओं को न केवल करारा जवाब दिया बल्कि भाजपा नेताओं ने दिल्ली का रास्ता रोके बैठे कथित किसान नेताओं को यह संदेश भी दिया कि असली किसान शहीदों और तिरंगे के सम्मान में सड़कों पर उतरता है न कि लाल किले जैसी घटना से तिरंगे का अपमान करता है। 

इतना ही नहीं किसान आंदोलन के बीच भाजपा के समर्थन में इतना बड़े जमावड़े ने पार्टी के विरोधियों को भी आइना दिखा दिया। ट्रैक्टरों पर सवार किसानों की भीड़ को देखकर गदगद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने यात्रा की शुरूआत करते हुए न केवल किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को आड़े हाथ लिया बल्कि कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा पर भी निशाना साधा।  कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने यात्रा में मौजूद किसानों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यही असली किसान हैं जिनके ट्रैक्टर शहीदों और तिरंगे के सम्मान के लिए सड़कों पर उतरे हैं। वे कभी किसान नहीं हो सकते जिन्होंने अपने ट्रैक्टरों से 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर आतंक मचाया और लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया हो।

धनखड़ ने भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 साल लगातार मुख्यमंत्री रहने वाले हुड्डा ने कभी किसानों की परवाह नहीं की बल्कि जब किसान मुश्किल समय में थे तो हुड्डा ने राहत के रूप में उनको 6-6 रुपए के चैक देकर उनके साथ मजाक किया था। उन्होंने कहा कि किसानों की आड़ में राजनीति करने वालों में दम है तो वे अपना डंडा और अपना झंडा लेकर सरकार की नीतियों का विरोध करें। 

इतनी बड़ी तिरंगा यात्रा कार्यकत्र्ताओं के अनुशासन की भी परीक्षा थी लेकिन ओम प्रकाश धनखड़ के निर्देश का पालन करते हुए कार्यकत्र्ता इस पर खरे उतरे। यही कारण रहा कि इस ट्रैक्टर रैली में कोई स्टेज नहीं बनाई गई थी और न ही नेताओं के लिए कोई कुर्सी थी और चारों ओर सिर्फ ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आ रहे थे। तिरंगा यात्रा के आयोजक कृषि मंत्री जे.पी. दलाल भी ट्रैक्टरों की लंबी कतार देखकर खुश नजर आए। भाजपा की तिरंगा यात्रा 15 अगस्त तक सभी 90 विधानसभाओं में निकलेगी लेेकिन पहले दिन का संदेश साफ था कि कृषि कानून किसानों के हित में ही बनाए गए हैं। कृषि कानूनों का विरोध केवल राजनीतिक है। 

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Isha