थाना प्रभारी ने पूर्व विधायक के बेटे पर मारपीट करने का लगाया आरोप, डीएसपी बोले- जांच की जाएगी

8/4/2021 8:37:27 PM

रादौर (कुलदीप सैनी): रादौर थाना प्रभारी की पिटाई करने का मामला सामने आया है। इस मारपीट का आरोप रादौर के पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा के बेटे नेपाल राणा और कई अन्य लोगों पर लगे हैं। इसको लेकर यमुनानगर सदर थाना में इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, लेकिन जब मीडियाकर्मी रादौर थाना एसएचओ से बात करने पहुंचे तो वे अपने पूरे स्टाफ समेत थाने से निकल गए। घंटो के इंतजार के बाद भी वे कुर्सियों पर वापस नहीं लौटे। जिसके बाद इस मामले में रादौर डीएसपी से बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में मीडिया के माध्यम से ही आया है। वहीं श्याम सिंह राणा ने इसे सरकार का राजनीतिक षड्यंत्र बताया है।

रादौर थाना प्रभारी ने पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा के बेटे नेपाल राणा पर मारपीट करने और हमले की साजिश रचने के आरोप लगाए हैं। दरअसल, बीती 30 जुलाई को ओड कॉलोनी रादौर निवासी अनिल कुमार की मौत के मामले में शव का 31 जुलाई को पोस्टमार्टम के बाद शव एंबुलेंस से रादौर ले जाया जा रहा था। आरोप है कि जब वे धौडंग गांव के पास पहुंचे तो वहां गांव रादौरी निवासी गौरव, नरेंद्र, जुब्बल निवासी दीपक और अन्य लोगों ने उन्हें रोक लिया।

इसके बाद उन्होंने एसएचओ को गाड़ी से जबरदस्ती बाहर निकाल लिया और एंबुलेंस रोककर रोड पर जाम लगा दिया। आरोप है कि जब अनिल कुमार का पोस्टमार्टम चल रहा था तब भी श्याम सिंह राणा के बेटे ने एसएचओ को सरकारी नंबर पर कॉल कर जान से मारने की धमकी दी। इस पर जब आज मीडियाकर्मी रादौर पुलिस थाना में एसएचओ से उनका पक्ष जानने पहुंचे तो वे मीडियाकर्मियों को देख थाने के पूरे स्टाफ को लेकर वहां से निकल गए। 

मीडियाकर्मी एसएचओ और थाने के अन्य स्टाफ का घंटो इंतजार करते रहे, लेकिन वे वापस नहीं लौटे। जिसके बाद इस मामले में रादौर के डीएसपी से बातचीत की गई। उनका कहना था कि उनके संज्ञान में ये मामला मीडिया के माध्यम से ही पहुंचा है। उनका कहना था कि फिलहाल इस मामले में जांच की जाएगी। वहीं जब सवाल किया गया कि घटना की सूचना मिलने पर आप मौके पर पहुंचे थे तो डीएसपी का कहना था कि उनके सामने ऐसा कुछ नहीं हुआ।

उधर, इस मामले में जब नेपाल राणा से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने एसएचओ को फोन जरुर किया था लेकिन मामले में निष्पक्ष जांच के लिए फोन किया गया था और जिस तरह से रादौर थाना प्रभारी उन पर आरोप लगा रहे हैं वे बिल्कुल निराधार हैं। वे इसकी जांच के लिए तैयार हैं यदि वे दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें हर सजा मंजूर है। 

इस बारे श्याम सिंह राणा से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि ये एक राजनीतिक षड्यंत्र है। उनके बेटे को झूठे केस में फंसाने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले भी सरकार के नुमाइंदे उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर एक झूठी वीडियो वायरल कर षड्यंत्र रचने की कोशिश कर चुके हैं। उनका कहना था कि क्या एसएचओ को फोन करना गलत है। एक राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते थाना प्रभारी को मामले में निष्पक्ष जांच करने के लिए फोन किया था. लेकिन अब इस मामले में राजनीति करने के लिए 3 दिन बाद मामला दर्ज करवाया गया है, जो बिल्कुल झूठा और निराधार है। 

बता दें कि श्याम सिंह राणा 2014 में बीजेपी की टिकट पर रादौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे और उन्हें सरकार में सीपीएस का पद भी दिया गया था जो न्यायालय के आदेशों के बाद उनसे वापस ले लिया गया था। इसके बाद 2019 के चुनाव के दौरान बीजेपी पार्टी ने उनका टिकट काटकर कर्णदेव कांबोज को दे दिया था। चुनाव के कुछ समय बाद उन्होंने बीजेपी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल हो गए थे। वहीं अब उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर यमुनानगर जिले में राजनीति गर्मा गई है। 

Content Writer

vinod kumar