हरियाणा की जेलों में कैदियों का तनाव होगा दूर

10/24/2019 10:22:41 AM

चंडीगढ़ (अर्चना): हरियाणा की जेलों में कैदियों का तनाव अब दूर हो सकेगा। हरियाणा के जेल और स्वास्थ्य विभाग ने कैदियों के दिमाग पर हावी कैद का दुख गायब करने के लिए काम शुरू कर दिया है। जल्द ही राज्य के प्रत्येक जिले की जेल में सप्ताह के 2 दिन कैदियों को साइकोथैरेपी मिलना शुरू हो जाएगी।  आधिकारिक सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग ने 22 जिलों के सिविल सर्जन्स को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं कि प्रत्येक जिले में मैंटल हैल्थ सॢवसिज के अंतर्गत काम करने वाली साइकैट्रिस्ट, काऊंसिलर्स, साइकैट्रिस्ट सोशल वर्कर्स, कम्युनिटी नर्सेज की टीम सप्ताह में 2 बार कैदियों को तनाव मुक्त करने के लिए उनकी काऊंसिङ्क्षलग करेगी। 

सूत्र कहते हैं कि जेल में आने वाले नए कैदी सबसे ज्यादा तनाव में होते हैं। या तो तनाव में खामोश हो जाते हैं या वायलैंट होकर तोडफ़ोड़ करने या खुद को खत्म करने की कोशिश करते हैं। समय रहते ऐसे कैदियों की काऊंसिङ्क्षलग न की जाए तो उनका यह तनाव उन्हें अवसाद का मरीज बना देता है। समय बीतने के बाद उनका इलाज सिर्फ साइकोथैरेपी से संभव नहीं होता। उन्हें दवाई का सेवन भी करना पड़ता है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्रत्येक सप्ताह सोमवार और वीरवार को 2-2 घंटे के लिए साइकैट्रिस्ट, सोशल वर्कर या कम्युनिटी नर्सेज जेल में जाकर कैदियों की काऊंसिङ्क्षलग करेंगे। 

हरियाणा की जेलों में 44 कैदी मानसिक रोग से ग्रस्त
कॉमनवैल्थ ह्यूमन राइट इनीशिएटिव (सी.एच.आर.आई.) और हरियाणा स्टेट लीगल सॢवसिज अथॉरिटी द्वारा हरियाणा की 19 जेलों में किए गए अध्ययन की रिपोर्ट कहती है कि हरियाणा की जेलों में 44 कैदी मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं। राज्य की 3 जेल गुरुग्राम, रेवाड़ी और कैथल में ऐसे कुछ कैदी हैं जो मानसिक तौर पर बीमार हैं। गुरुग्राम में 42, रेवाड़ी में एक और कैथल में एक कैदी है। इनमें से 21 कैदी अंडर-ट्रायल हैं, जबकि 23 सजायाफ्ता हैं।


इन कैदियों को जेल के अलग वार्ड में रखा गया है। हॉस्पिटल के नजदीक वाली जेलों में रखे गए कैदियों को जरूरत के अनुरूप इलाज दिलवा दिया जाता है। जनवरी से लेकर दिसम्बर 2017 के दौरान 23,482 कैदियों को साइकैट्रिक उपचार की सुविधा भी प्रदान की गई थी। रिपोर्ट कहती है कि गुरुग्राम और सोनीपत की जेलों में कोई साइकैट्रिक डाक्टर पेशैंट देखने नहीं आता और मैडीकल ऑफिसर्स ही इनकी देखरेख करते हैं, जबकि इन कैदियों को खास किस्म के इलाज की जरूरत होती है। मैडीकल ऑफिसर्स ने माना भी है कि ऐसे कैदियों को साइकैट्रिक डाक्टर द्वारा उपचार मिलना चाहिए। 

काऊंसिलर्स को दी गई है सख्त ट्रेनिंग
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के मैंटल हैल्थ प्रोग्राम के डिप्टी डायरैक्टर डा. विश्वजीत का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग 6 महीनों की अवधि के लिए जेल में कैदियों की काऊंसिङ्क्षलग का काम करेगा। सप्ताह के 2 दिन मैंटल हैल्थ सॢवसिज की टीम जेल में जाकर कैदियों की न सिर्फ मानसिक स्थिति का आंकलन करेगी, बल्कि उनका इलाज साइकोथैरेपी से करेगी। 
काऊंसिलर्स को खास किस्म की टे्रङ्क्षनग दी गई है, जो स्कूल में पढऩे वाले बच्चों, उनके अभिभावकों और कैदियों तक की काऊंसिङ्क्षलग बड़ी सरलता से कर सकेंगे। 

Isha