यात्रियों के गले की फांस बना दिल्ली-हिसार रेलगाड़ी का समय, करना पड़ रहा परेशानियों का सामना

2/24/2020 2:07:25 PM

सतनाली मंडी (मनोज) : रेलवे द्वारा रेवाड़ी-हिसार डी.एम.यू. को बंद कर रेवाड़ी-दिल्ली पैसेंजर को हिसार तक विस्तारित करने से दिल्ली के लिए मिली गाड़ी का समय यात्रियों के गले की फांस बना हुआ है। दिल्ली-रेवाड़ी सवारी गाड़ी को हिसार तक विस्तार करने के बाद रेवाड़ी से हिसार के बीच इस गाड़ी का समय भी बदल गया है। 

गाड़ी के समय परिवर्तन से इसके समय में पुरानी गाड़ी से घंटेभर अधिक समय हो गया है जिससे दैनिक रेलयात्रियों जिनमें अधिकतर नौकरी पेशा, दुकानदार व विद्यार्थी आदि शामिल हैं, को भारी परेशान है और उनके मजबूरीवश वैकल्पिक साधन से गंतव्य पर पहुंचना पड़ रहा है। दैनिक यात्रियों के लिए बेहतर था डी.एम.यू. का समय रेवाड़ी की ओर से प्रतिदिन सतनाली आने वाले सैंकड़ों नौकरीपेशा, विद्यार्थियों व दुकानदार व अन्य दैनिक यात्रियों के लिए रेवाड़ी-हिसार डी.एम.यू. का समय बेहतर था।

डी.एम.यू. सुबह करीब 9 बजे सतनाली पहुंचती थी और शाम को करीब पांच बजे वापिस रेवाड़ी की ओर जाती थी लेकिन रेवाड़ी-दिल्ली को हिसार तक विस्तारित करने के बाद रेवाड़ी से सुबह करीब 9 बजे सतनाली पहुंचने वाली डी.एम.यू. के स्थान पर अब दिल्ली-हिसार सवारी गाड़ी आने लगी है जिसका सतनाली पहुंचने का समय सुबह पौने घंटे गया है। इसी प्रकार हिसार से शाम के समय सतनाली करीब 5 बजे पहुंचने वाली गाड़ी के समय में भी करीब 50 मिनट बढ़ गए हैं।

गौर रहे कि यही गाड़ी रेवाड़ी से वापस आती है जिससे पहले रेवाड़ी से सवा 7 बजे के करीब चलने वाली गाड़ी के चलने का समय अब रात साढ़े 8 बजे हो गया है। इस गाड़ी का सतनाली पहुंचने का समय भी रात्रि में करीब एक घंटा बढ़ गया है जिससे दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सुबह सतनाली आने वाली डी.एम.यू. से सतनाली स्टेशन पर भारी संख्या में दैनिक यात्री उतरते थे और इतनी ही संख्या में ट्रेन में चढ़ते थे लेकिन गाड़ी के समय में पौने घंटे के परिवर्तन से अब इन यात्रियों के समक्ष भारी परेशानी उत्पन्न हो गई है और मजबूरी में उन्हें या तो करीब 3 घंटे पहले गाड़ी पकडऩी पड़ती है या फिर अन्य साधनों से गंतव्य पर जाना पड़ रहा है जिससे समय व धन की हानि उठानी पड़ रही है। इतना ही नहीं यह गाड़ी रेवाड़ी की ओर से अक्सर लेट ही आती है जिससे अनेक दैनिक यात्रियों व विद्यार्थियों को मजबूरीवश बस आदि से सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा है। 

Isha