NH-44 के चौड़ीकरण का काम छह महीने से पड़ा ठप, PM मोदी ने 2015 में किया था शिलान्यास

5/31/2019 3:28:47 PM

सोनीपत (पवन राठी): केजीपी एक्सप्रेस-वे का निर्माण निर्धारित से कम समय में कराकर प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन दिल्ली नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण का काम निर्धारित समय के अंदर केवल 40 प्रतिशत तक हो सका है। जीटी रोड को दिल्ली से पानीपत तक छह लेन से 12 लेन कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से शिलान्यास कराकर एनएचएआई ने निर्माण कार्य कराने में रूचि नहीं दिखाई और इसके चौड़ीकरण की निर्धारित समायावधि अप्रैल 2019 रखी गई जो निकल चुकी है। लेकिन नेशनल हाईवे की हालत पहले से ज्यादा बदतर हो चुके है।



दरअसल दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे मुबरका चौक से सिंघु बॉर्डर तक पहले ही आठ लेन बना हुआ था, जबकि उससे आगे छह लेन का नेशनल हाईवे था। इस नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक बढऩे के कारण छह लेन से आठ लेन की सड़क के साथ ही दो-दो लेन की सर्विस रोड बनाई जाने का प्लान तैयार किया गया। जिसके बाद वर्ष 2015 में केजीपी व केएमपी के साथ ही राई से पीएम नरेंद्र मोदी से इसका शिलान्यास कराया गया।



जानकारी के अनुसार हाइवे का चौड़ीकरण दिल्ली से पानीपत तक 70.5 किलोमीटर तक होना है। जिसका ठेका एस्सेल कंपनी को दिया गया। इसके चौड़ीकरण की समयावधि अप्रैल 2019 तक रखी गई और इसपर कंपनी ने काम शुरू कर दिया। इसके साथ ही केजीपी का काम शुरू किया गया। लेकिन केजीपी का निर्माण एक साल पहले खत्म करके मई 18 में पीएम नरेंद्र मोदी से उसका उद्घाटन कराया जा चुका है। जबकि नेशनल हाईवे का केवल चौड़ीकरण अभी तक नहीं हो सका है।



बता दें कि नेशनल हाईवे पर गांवों के सामने बने कटों पर फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। जिसके चलते मार्ग के दोनों तरफ एक लेन की सड़क बनाई गई है। इसी से दिल्ली व पानीपत की तरफ प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। हाईवे पर फ्लाईओवर निर्माण के चलते सड़क संकरी हो गई है। साथ ही वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते यहां वाहनों की कतार ही लगी रहती है। ऐसे में गांव में आने व जाने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ गई है।



राई के सामने ही असावरपुर गांव स्थित है। दोनों गांवों के लोगों को हाईवे पर अपने गांवो में आना-जाना पड़ता है। इन गांवों के लोगों के लिए सड़क पार करना मुसीबत बन गया। हाईवे पार करने के लिए लोगों को आधा-आधा घंटा तक वाहनों के गुजरने का इंतजार करना पड़ता है। इतना ही नहीं कई ग्रामीण तो लंबा इंतजार के बाद रास्ता नहीं मिलने पर चलते वाहनों के सामने से ही रोड पार करने को मजबूर हो जाते है। जिससे उनकी जिंदगी को खतरा बना रहता है।
 

Naveen Dalal