सरकार की गलत नीतियों ने किया hmt का पतन, हजारों करोड़ के प्लांट की हालत जर्जर: बंसल

7/15/2020 11:37:04 PM

चंडीगढ़ (धरणी): एक समय वो भी था कि एचएमटी घड़ी को उंचे रूतबे से जोड़कर देखा जाता था। एचएमटी ट्रैक्टर देश-विदेश में सबसे ताकतवर ट्रैक्टरों की लिस्ट में शुमार था। लेकिन आज इन स्वदेशी उत्पादों को ऐसी नजर लगी कि हजारों करोड़ के प्लान्ट बन्द पड़े हैं इससे जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। ऐसा ही एक प्लांट हरियाणा के पिंजौर में भी था। यह वह प्लान्ट था जो सभी प्लान्टों से ज्यादा मुनाफे में रहता था। इसे हरियाणा की शान के रूप में देखा जाता था। क्षेत्र के हजारों परिवारों का यहां से चूल्हा जलता था, लेकिन शायद इसे किसी की नजर लग गई और अब यह इतिहास की बातें बनकर रह गई। आज स्थिति यह है कि क्षेत्र के युवाओं को रोजी-रोटी कमाने के लिए दूर-दूर अन्य प्रदेशों में जाना पड़ता है। प्लान्ट जर्जर हालत में है, इसमें मौजूद 55 प्रकार की 550 से ज्यादा मशीनें इंतजार कर रही हैं कि शायद उनका उपयोग दोबारा से देश के खजाने को भरने के लिए होगा।

पंजाब केसरी ने शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमन्त्री प्रताप सिंह कैरो ने सन 1962 में 846 एकड़ जमीन मुफ्त में एचएमटी को दी थी, जोकि मौजूदा मोदी सरकार ने बिना किसी भविष्य की योजना के 2016 में इस प्लान्ट को पूर्ण तौर पर बन्द कर दिया। इसमें से 400 एकड़ एचएमटी के पास और 446 एकड़ जमीन का कब्जा हरियाणा सरकार के एचएसआईआईडीसी विभाग के पास है। उन्होंने बताया कि इसमें से 80 एकड़ में एप्पल मंडी (अपने आदमियों को एडजस्ट करने के लिए) बना दी गई जबकि इस पूरे क्षेत्र में कहीं भी सेब का उत्पादन नहीं होता।
बंसल एचएमटी की लड़ाई काफी समय से लड़ रहे हैं। उन्होंने अब देश के प्रधानमंत्री को सुझाव पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया जिन मशीनों का उपयोग एचएमटी ट्रैक्टर बनाने के लिए करती थी उसे देश के सैन्य उपकरण और रेलवे पार्टस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जिससे आत्मनिर्भर भारत का सपना तो साकार तो होगा ही हजारों करोड़ की मशीनरी खराब होने से बच सकती है। बंसल ने बताया कि इस प्लान्ट में बहुत बड़ा ट्रेनिंग सेंटर है, कालोनियंा, स्कूल, सीवरेज इत्यादि हर प्रकार की सुविधांए मौजूद हैं जिसका इस्तेमाल होने पर प्रदेश के हजारों युवाओं को मौका मिलेगा।

बंसल ने हरियाणा सरकार से भी मांग की है कि जिस प्रकार हिमाचल और उतराखण्ड सरकार उद्योगों को आकर्षित करने के लिए सुविधांएं देती है, उसी प्रकार ही प्रदेश सरकार को भी बिजली, टैक्सिस इत्यादि में छूट देनी चाहिए, जिससे पिंजौर भी बद्दी, परमाणु, पौंटा-साहिब जैसा औद्यौगिक क्षेत्र बन सके। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचन्द गुप्ता ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एचएमटी का प्रयोग देश के लिए हथियार, उपकरण बनाने के लिए सिफारिश की है।

Shivam