सरेआम युवक को गाड़ी से उतारकर पीटा, वीडियो वायरल(VIDEO)

7/17/2018 4:50:44 PM

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): सुप्रीम कोर्ट ने सरेआम भीड़ की शक्ल में लोगों से मारपीट और गुंडागर्दी करके कानून हाथ में लेने को लेकर भले ही सख्त रुख अपनाया हो, लेकिन गुंडागर्दी करके कानून हाथ में लेने वालों में कानून का कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। फतेहाबाद शहर में सरेआम शहर के बीचों-बीच हाईवे पर गाड़ी के पैसे वसूलने को लेकर एक गाड़ी रुकवा कर ड्राइवर को जबरन नीचे उतारकर उस पर थप्पड़ों की बरसात करके बुरी तरह पीटने का एक वीडियो सामने आया है।



बीच सड़क पर मारपीट होने की इस घटना में वारदात को अंजाम देने वालों ने जिस तरह कानून का मजाक बनाया, उसी तरह थाने में मामला पहुंचने के बाद फतेहाबाद की पुलिस ने भी कार्रवाई की बजाय राजीनामे को अहमियत देकर कानून की धज्जियां उड़ा दी।

राजीनामे के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों को झूठ देने की पुलिस की इस प्रवृत्ति के कारण ही फतेहाबाद जैसे शांत शहर में पिछले कुछ समय से सरेआम गुंडागर्दी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और इन हालातों के कारण फतेहाबाद के वाल्मीकि चौक और कबीर बस्ती जैसे इलाकों में हालात यह हैं कि यहां पर पुलिस भी जाने से कतराती है। 

इसके अलावा फतेहाबाद में डॉक्टर जिम्मी जिंदल को निर्वस्त्र करके मारपीट करने का मामला भी कानून को तमाचा मारने जैसा ही घटित हुआ था। ताजा मामले में हाईवे पर हुई मारपीट का जो वीडियो सामने आया है उसमें भी साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक गाड़ी चालक से पैसे लेने को लेकर न केवल गाड़ी चालक का रास्ता रोका जाता है बल्कि गाड़ी चालक को गाड़ी से उतार कर बीच सड़क सैकड़ों लोगों के बीच में बुरी तरह थप्पड़ों से पीटा जाता है। 

इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंचती है, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मैं केवल कानून की पालना करवाने में ढील भर्ती बल्कि बेशर्मी इतनी दिखाई कि किसी तरह की कार्रवाई करने की बजाय पुलिस मौके पर फल फ्रूट खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। इस पूरी घटना पर सिटी थाना के एसएचओ सुरेंद्र कंबोज से जब बात की गई तो उन्होंने पुलिस कार्रवाई नहीं होने के पीछे तर्क दिया कि दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हो गया है।

Shivam