फिर जहरीली हुई शहर की आबोहवा, ए.क्यू.आई. फिर पहुंचा 300 पार

11/22/2019 12:32:28 PM

भिवानी (सुखबीर): 4 दिन की चांदनी और फिर अंधेरी रात वाली कहावत इन दिनों भिवानी शहर पर फिट बैठ रही है। इसका कारण यह है कि यहां का ए.क्यू.आई. कुछ दिन तक 100 के आसपास रहने के बाद वीरवार को फिर से 300 के पार पहुंच गया। इससे शहरवासियों के अलावा जिले के लोगों को आसमान पर छाए स्मॉग के चलते कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं वीरवार को दिन भर जिले के आसमान पर बादलों, स्मॉग और सूर्यदेव के बीच आंख मिचौली का खेल चलता रहा। 

यहां बता दें कि सामान्य तौर पर हवा में एयर क्वालिटी इंडैक्स यानि ए.क्यू.आई. की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति मीट्रिक क्यूब हो तो उसे सामान्य माना जाता है मगर जिले में दीपावली के बाद करीब 15 दिनों तक यह मात्रा 500 ए.क्यू.आई. को भी पार कर चुकी थी। इस दौरान जिले के आसमान पर दिन भर स्मॉग छाए रहने से सूर्यदेव के भी दर्शन नहीं हो रहे थे। हालांकि जिले में एक और 2 नवंबर को कुछ क्षेत्रों में हुई बारिश और बूंदाबांदी के चलते स्मॉग के कण कुछ हद तक जमीन पर आ गए थे। इसके चलते 3 नवम्बर को सुबह 9 बजे के बाद जिले का आसमान साफ हो गया था मगर ए.क्यू.आई. में ज्यादा गिरावट नहीं आई थी।  

10वें दिन ली थी लोगों ने खुली हवा में सांस 
इसके बाद जिले में पहली बार 5 नवम्बर को ए.क्यू.आई. का स्तर 300 से नीचे 270 दर्ज किया गया और तब से ही जिले के ए.क्यू.आई. में गिरावट आती जा रही थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को जिले का ए.क्यू.आई. 112 दर्ज किया गया था।  यही हाल मंगलवार को रहा। मगर उसके बाद बुधवार को जिले का ए.क्यू.आई. फिर 200 के पार तो वीरवार दोपहर डेढ़ बजे यह 311 दर्ज किया गया। जिले में पिछले कुछ दिनों से ए.क्यू.आई. में गिरावट आने का एक कारण यह भी था कि इन दिनों जिले में हवा की गति ठीक ठाक रही। इसके चलते स्मॉग के कण जिले के आसमान पर टिक नहीं पा रहे थे। 

यह बोले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एस.डी.ओ. 
इस बारे में जिले में कार्यरत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एस.डी.ओ. हरीश कुमार ने बताया कि जिले में पिछले कुछ दिनों से ए.क्यू.आई. में लगातार गिरावट आती जा रही थी। उन्होंने बताया कि बुधवार को जहां इसमें एकदम से बढ़ौतरी हुई तो वीरवार को इसका लैवल और बढ़ गया। उन्होंने बताया कि अब तो बारिश होने या जिले में तेज हवा चलने से ही स्मॉग की इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में वैसे भी धान का दायरा बहुत कम है और यहां के किसान पराली भी बहुत कम जलाते हैं। इसके बाद इन 2 दिनों में जिले का ए.क्यू.आई. क्यों बढ़ा यह बात समझ में नहीं आ रही। 

Isha