हरियाणा में करीब कुल 21000 बेड आज की तारीख में लगभग सारे के सारे भरे हुए हैं: पीके दास

5/7/2021 8:52:55 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा प्रदेश में करीब कुल 21000 बेड आज की तारीख में लगभग सारे के सारे भरे हुए हैं। लेकिन इनमें से 80 फ़ीसदी मरीजों को न तो ऑक्सीजन की जरूरत है ना ही वेंटीलेटर की। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए कल ही मुख्यमंत्री ने 11 मीट्रिक टन और एडिशनल ऑक्सीजन मोहैया करवाने का फैसला लिया है। यह केवल उन सिलेक्टेड कॉलेज को दी जाएगी जहां बेड स्टाफ और इक्विपमेंट मौजूद है। भविष्य के हालातों के मद्देनजर रोहतक पीजीआई में 200 और ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जाएगी। यह जानकारी प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पीके दास ने दी।

उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में मौजूद अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल जो बंद पड़ा था। वेस्टर्न कमांड की मदद से वहां सो बेड की व्यवस्था की गई है। जो कि शनिवार तक शुरू हो जाएगा। एक-दो दिन में प्रदेश में सारे बेड काम करने लग जाएंगे। अभी प्रदेश के पास 250 मीट्रिक टन एलोकेशन है और 11 मेट्रिक टन की ओर हुई है। लेकिन प्रयास जारी है कि उड़ीसा से भी जल्द ऑक्सीजन ला रहे हैं। टैंकर के अवेलेबिलिटी एक बड़ा मसला है। टैंकर से ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट में लाई जाती है और वहां सिलेंडरों को भरकर उन अस्पतालों में पहुंचाया जाते हैं। जहां पाइप लाइन से सप्लाई नहीं की जाती। जहां पाइप लाइन से सप्लाई होती है। वहां ऑक्सीजन को भरा जाएगा। हरियाणा में 2 एमरजैंसी टेंपरेली अस्पताल हिसार-पानीपत में 500-500 बेड के बनाए जा रहे हैं। जिसकी मैन पावर हम देंगे। बाकी इक्विपमेंट जिन्हें काम दिया गया है वो देंंगे व स्पेस भी बनाएंगे। 10 दिन में हमें यह तैयार होने की उम्मीद है।

दास ने कहा कि हर जिले मेंं हमने स्कूूूूल, हॉल, इनडोर स्टेडियम भी चिन्हित कर रखे हैं। जिन लोगों को ऑक्सीजन लगाने की जरूरत नहीं है लेकिन डॉक्टर के सुपर विजन में रहना जरूरी है। ऐसेे मरीजों को वहां रखा जाएगा। दास ने कहा कि लोकडाउन के बाद कल या परसों तक इंफेक्शन रेट घटने की उम्मीद है।अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी 80 फ़ीसदी लोग होम आइसोलेशन पर हैं। बाकी 20 मे से 10-15 फ़ीसदी साधारण अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए तैयार हैं।बड़े प्राइवेट अस्पताल या पीजीआई रोहतक में ऑक्सीजन मांगने वालों की संख्या इसलिए ज्यादा है। क्योंकि ज्यादा खराब होने पर ही बड़े अस्पतालों की तरफ लोग जाते हैं।

दास ने कहा कि हम अगले सात-आठ दिन में 3000- 4000 ऑक्सीजन स्पॉटेड बेड की व्यवस्था रहे हैं।समस्या कई तरह की आ रही है। जैसे रुड़की में ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट हो गया। काफी समय तक बंद रहा। वहां से लाकर उसे बॉटलिंग करते हैं। उसके बाद उसे डिस्पैच करते हैं। जिस जिले में बॉटलिंग प्लांट है। जिला दूर है वहां पहुंचने में कुछ देर लगती है। एमरजैंसी को मैनेज करने के लिए हर जिले में कुछ ना कुछ बफर में रखा हुआ है। जिला उपायुक्तों को कोई प्राइवेट या सरकारी अस्पताल कहते हैं कि बहुत थोड़ी ऑक्सीजन शेष है। उन्हें फौरी तौर पर एक डेढ़ घंटे चलाने के लिए बंदोबस्त करने के लिए कहा हुआ है। 

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Content Writer

Manisha rana