ग्राम सचिवों का धरने पर बैठने का कोई औचित्य नहीं : खट्टर

3/28/2018 3:02:40 PM

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में सरपंच अब ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत अपने विकास कार्यों के लिए अनुपूरक फंड की मांग जून, अक्तूबर तथा जनवरी के प्रथम सप्ताह में भेज सकेंगे। इसके अलावा उन्हें वर्ष में एक बार वाइल्ड कार्ड के तहत भी राशि निकालने की अनुमति होगी। 

ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए ई-टैंडरिंग भारत सरकार की हर गांव के लिए तैयार की जा रही मोबाइल एप योजना के तहत लागू की जा रही है। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में विकास एवं पंचायत विभाग की हुई एक समीक्षा बैठक में लिया गया।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरपंचों के साथ ग्राम सचिवों का धरने पर बैठने का कोई औचित्य नहीं है। ग्राम सचिव एक सरकारी कर्मचारी होता है, न कि एक जनप्रतिनिधि। अगर उन्हें ई-टैंडरिंग को लेकर कोई आशंका है तो वे किसी भी समय पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, विभाग के अधिकारियों व यहां तक कि स्वयं उनसे भी बात कर सकते हैं।

बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि सरपंचों की कैश इन हैंड रखने की सीमा 25,000 रुपए है और इसके अलावा वे मजदूरों की दिहाड़ी के लिए पी.पी.ओ. पर 20,000 रुपए की निकासी भी कर सकते हैं। इस बात की भी जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार पी.एफ.एम.एस. योजना के तहत परफॉर्मेंस ग्रांट के तहत केवल 3000 पंचायतों को ही यह ग्रांट मिली है।
 

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