थोड़ी-सी चूक रह गई वरना हम सत्ता में होते : हुड्डा

11/24/2019 10:26:41 AM

चंडीगढ़( रीटा शर्मा व सुमन भटनागर)- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सत्ता के काफी करीब पहुंचकर भी सरकार नहीं बना पाए लेकिन विधानसभा चुनाव में वह पिछली बार से दोगनी से भी ज्यादा सीटें लेने में कामयाब रहे उन्हें इस बात का संतोष है। उनका कहना है कि भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार अभी हाल में बनी है इसलिए उसे अभी कुछ वक्त देना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि सकारात्मक मुद्दों पर हरियाणा कांग्रेस सरकार का साथ देगी लेकिन लोगों के हितों से खिलवाड़  हुआ तो सड़क पर उतरकर विरोध भी करेंगे।

उन्होंने नई सरकार को अपनी शुभ कामनाएं भी दीं। आज वह काफी रिलैक्स नजर आ रहे थे। प्रतिनिधि रीटा शर्मा व सुमन भटनागर ने उनसे अभी हाल में हुए चुनावों व आम आदमी की दिक्कतों को लेकर शनिवार को बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-


सवाल : राज्य में नई सरकार बनी है,उसका भविष्य आप कैसा देखते हैं ?
जवाब : नई सरकार जनहित में चले इसके लिए मैं उसे अपनी शुभकामनाएं देता हंू। सरकर में  2 अलग-अलग विचारधारा के दल शामिल हुए हैं। अभी न्यूनतम सांझा कार्यक्रम भी बनना है। सरकार लोगों के हित में जो फैसला लेगी उसका हम जिम्मेदार विपक्ष के नाते समर्थन करेंगे लेकिन यदि आम आदमी के खिलाफ कोई काम किया तो हम सड़कों पर उतरकर उसका पुरजोर विरोध करेंगे। बेमेल गठजोड़ का हश्र क्या होता है यह सबको पता है।

सवाल : आप सत्ता के काफी करीब पहुंच गए थे कमी कहां रह गई?
उत्तर : विधानसभा चुनावों में सरकार के खिलाफ भूमिगत लहर थी। हमें चुनाव प्रचार हेतु मुश्किल से 15 दिन मिले। भाजपा के मुकाबले  हमारे पास साधन बहुत कम थे और टिकट आबंटन में हमसे थोड़ी बहुत चूक हुई है।  यदि टिकट ठीक बनते तो आज हम सत्ता में होते। लोगों ने भाजपा को सत्ता से हटाने का मन बनाया था लेकिन हम लोगों तक सही  ढंग से नहीं पहुंच पाए। कुछ कमी हमारी रही तो कुछ किस्मत का भी खेल था।

सवाल : कांग्रेस का संगठन बिखरा पड़ा है इसके लिए क्या करेंगे?
जवाब : पिछले 5 सालों में न तो ब्लाक स्तर पर और न ही जिला स्तर पर संगठन बना जिसकी कीमत हमें लोकसभा व विधानसभा दोनों चुनावों में चुकानी पड़ी। यह तो पार्टी के वफादार और मेहनती कार्यकर्ताओं की हिम्मत थी जिन्होंने दिन रात एक करके पार्टी को 31 सीटें जितवा दीं। अब हम नए सिरे से संगठन खड़ा करेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे। कांग्रेस में बहुत ताकत है वह हर बार गिरकर खड़ी हो जाती है। हरियाणा में आने वाला समय कांग्रेस का है।

सवाल : अशोक तंवर पार्टी छोड़ गए, क्या ऐन मौके पर उनके जाने का कुछ नुक्सान हुआ?
जवाब : जो नेता अब पार्टी में नहीं है मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। इतना जरूर है कि पार्टी में हर कार्यकर्ता की अहमियत होती है। मैं अपने कार्यकर्ताओं को पार्टी की सबसे बड़ी पूंजी मानता हंू। चुनावी नतीजों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में हिम्मत और भरोसा बढ़ा है। मुझे उम्मीद है कि उनके बलबूते पर हम हरियाणा में फिर अपनी सरकार बनाएंगे।

सवाल : आज कल प्रदेश में धान घोटाले की काफी चर्चा है,आप क्या कहेंगे?
जवाब : इसमें कोई कोई दो राय नहीं कि सरकार की नाक के नीचे धान का एक बड़ा घोटाला हुआ है। हैरानी की बात यह है गृह मंत्री कहते हैं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ लेकिन उप-मुख्यमन्नत्री कहते हैं कि इसकी जांच की जानी चाहिए। मुझे लगता है कि इसमें काफी गोलमाल हुआ है।  सरकार यदि सच्चाई सामने लाना चाहती है तो इसकी सी.बी.आई. से जांच करवाए। राइस मिलों के बाहर पुलिस की तैनाती को सही नहीं कहा जा सकता।

सवाल : देश की आॢथक 
मंदी की वजह क्या है?
जवाब : इस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। केवल छोटे व्यापारी ही नहीं बल्कि पूरा कार्पोरेट जगत आॢथक संकट से गुजर रहा है।  निवेश में लगातार कमी आ रही है और तालाबंदी के चलते कामगारों की छंटनी जारी है। यदि यह सिलसिला जारी रहा तो लाखों लोगभुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे। नोटबंदी और जी.एस.टी. से व्यापारियों का जितना नुक्सान हुआ उसकी भरपाई शायद ही हो सके।

सवाल : आपकी नजर में प्रदेश की बड़ी समस्याएं क्या हैं?
जवाब : बेरोजागरी प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी मामले में आज प्रदेश देश का नंबर एक राज्य बन गया है। आज बी.टेक.,एम.बी.ए. व स्नात्कोत्तर युवाओं को मजबूरन चपरासी की नौकरी करनी पड़ रही है। पिछले 5 सालों में न तो प्रदेश में कोई नई आई.एम.टी. लगी और न कोई बड़ा कारखाना लगा जहां युवकों को रोजगार मिल सके। कानून व्यवस्था और  भ्रष्टाचार से भी आदमी परेशान है। नई सरकार इस मामले में कितने कड़े कदम उठाती है इसका अभी पता चलना है।

सवाल : पराली जलाने से फैले प्रदूषण के लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं?
जवाब : इसके लिए अकेले किसानों को दोषी ठहराना उचित नहीं है । पराली से तो मुश्किल से 5 फीसदी भी प्रदूषण नहीं फैलता। सरकार को किसानों को इस तरह के सुविधाएं देनी चाहिएं जिससे वह पराली न जलाएं। किसानों को वैसे भी उनकी उपज का पूरा दाम नहीं मिल रहा,ऊपर से उन पर पराली जलाने को लेकर जुर्माना ठोकना उचित नहीं लगता। सरकार ने किसानों को लागत से दोगुना भाव देने का वायदा किया था लेकिन अभी तक कुछेक फसलों  का न्यूनतम मूल्य भी उसे नहीं मिल पा रहा है। चुनाव से पूर्व किसानों से बड़े-बड़े वायदे किए गए थे लेकिन अब उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

सवाल : आप अब विपक्ष के नेता हैं विधानसभा में आपकी भूमिका कैसी होगी? 
जवाब : मेरा मानना है कि विपक्ष को अपनी जिम्मेदारी पूरी शालीनता और ईमानदारी के साथ निभानी चाहिए। लोगों के साथ हो रही ज्यादतियों को उठाना व लोकतन्त्र को बचाए रखना विपक्ष का अहम काम है। विधानसभा में सरकार के सकारात्मक फैसलों के साथ हम खड़े रहेंगे लेकिन बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि नई सरकार विपक्ष को पूरा सम्मान देगी।

Isha