बिना हाथों के चलाते हैं ट्रैक्टर, ऐसी है इस दिव्यांग की कहानी (VIDEO)

6/4/2018 9:30:59 PM

पलवल(गुरूदत्त गर्ग): पलवल जिला के उपमंडल हथीन के गांव कोंडल में एक दिव्यांग किसान है, जिसके दोनों हाथ नहीं है उसके बावजूद भी ऐसा कोई कार्य नहीं है जो आम इन्सान कर सकता है और ये किसान न कर पाए। इतने बुलंद हौंसले रखने वाले इस किसान का कहना है कि पक्षी बिना पंखों के उड़ नहीं सकता, परन्तु मैं उड़ सकता हूं।

आज जहां लोग छोटी-छोटी परेशानीयों से हार मान लेते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इन्हीं परेशानियों को अपनी ताकत बनाकर समाज को प्रेरित कर रहे है। ऐसी ही एक कहानी है पलवल के गांव कौंडल में रहने वाले किसान धर्मवीर की जिसके बचपन में दोनो हाथ कट गए। लेकिन इस व्यक्ति ने कभी अपनी इस कमजोरी को अपने उपर हावी नहीं होने दिया।



55 वर्षीय धर्मवीर पेशे से एक किसान है। जो गांव में खेती करके अपने परिवार का पोलन पोषण करता है। मात्र 14 साल की उम्र में किस्मत ने धर्मवीर के दोनों हाथ उससे छीन लिए। किसान धर्मवीर ने बताया कि 12 अप्रैल 1981 का वह दिन उसको आज भी याद है जो उसके दोनों हाथ उससे छिन गए।

 धर्मवीर ने बताया कि वह उन दिनों 9वीं कक्षा का छात्र थे। घर के लोग खेतों पर मशीन से गेहूं निकाल रहे थे। वह भी मशीन पर गेहूं निकालने के लिए चढ़ गया। जब उसने फसल को मशीन में डाला तो दुर्भाग्य से उसके दोनों हाथ मशीन के ‌अंदर चले गए, जिसके बाद वह बेहोश हो गया। 



जब उसकी आंख खुली तो वह अस्पताल में था और अपने दोनों हाथ गंवा चुका था। धर्मवीर ने कहा कि बिना पंखों के पंछी नहीं उड़ सकता लेकिन वो उड़ रहा है। धर्मवीर ने बताया कि हाथ कट जाने का दुख उसको हमेशा से रहा है, लेकिन उसने कभी कटे हुए हाथों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। अपनी इसी कमजोरी को उसने ताकत बनाकर इस्तेमाल किया।

धर्मवीर आज खेतों के काम से लेकर घर का काम तक खुद कर लेता है। खेतों में ट्रैक्टर चलाकर जुताई, फसल की नराई, फसल में पानी लगाना, पशुओं के मशीन से चारा काटने का काम स्ंवय कर लेते हैं।

Shivam