हाईकोर्ट ने कहा: इस गलती से कमीशन के तुच्छ कामों का होता है खुलासा

3/16/2018 9:22:50 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन कमीशन को स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट की पोस्ट के एक आवेदक को उसके अनुभव के लिए कम अंक प्रदान करने पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट डाली है। हाईकोर्ट जस्टिस राजीव नारायण रैना ने कहा कि इस पूरे प्रकरण से कमीशन के तुच्छ काम का खुलासा होता है। यह कमीशन की योग्यता पर संदेह पैदा करता है और प्रतिस्पर्धा में शामिल लोगों में चिंता पैदा करता है जो इस गलती से पैदा होती है।

हाईकोर्ट ने कहा कि सीधी भर्ती में पदों को लेकर चयनित सूची का रिजल्ट कोर्ट आदेशों पर आश्रित नहीं बनाना चाहिए और न ही कमीशन के कर्मियों की लापरवाही पर। हाईकोर्ट ने कमीशन को निर्देश दिया कि गलती करने वाले कर्मियों व अफसरों को लेकर जांच शुरू करे जिन्होंने यह गलती की। उन्हें उचित दंड दिया जाए।  वहीं निकाले जाने वाले निष्कर्षों को इस केस के रिकार्ड पर 4 महीने में लाए। 

इन आदेशों के साथ ही याचिका को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने कमीशन को आदेश दिए कि याची का नाम सरकार के पास नियुक्ति के लिए भेजे। हाईकोर्ट ने कहा कि याची ने अदालती केस आदि के लिए विचारयोग्य पैसा खर्च किया है। ऐसे में कमीशन याची को 1 महीने में 50 हजार रुपए की कॉस्ट देगी। 

इस गलती को अंजाम देने वाले संबंधित कर्मियों व अफसरों से कमीशन यह रकम वसूलेगा जो इस गलती के जिम्मेदार पाए जाए।  केस की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि याची को उसके अनुभव के लिए सिर्फ 2 अंक जारी करने की गलती हो गई जबकि यह 14 अंक होने चाहिए थे। कमीशन ने अपनी गलती ठीक कर ली है। इससे पहले याची को 110 अंक प्रदान किए गए थे जबकि कट ऑफ माक्र्स 119 अंक थे। कमीशन द्वारा गलती सुधारे जाने से याची के 122 अंक हो जाएंगे