इस बार निर्दलीयों के भरोसे बनेगी प्रदेश की सरकार!

10/4/2019 8:37:07 AM

गुरुग्राम (गौरव) : हरियाणा में राजनीति का बुखार चरम पर है और सभी पाॢटयों ने लगभग पूरे उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार भी दिए हैं लेकिन मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो 2 दर्जन से अधिक सीटें ऐसी हैं जहां के उम्मीदवारों को जिन्हें जनता तो क्या खुद इन पाॢटयों के कार्यकत्र्ता भी नहीं पहचानते हैं। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या सिर्फ पार्टी के नाम पर ये नेता विधानसभा चुनाव जीत पाएंगे? हालांकि अभी ऐसा कह पाना मुश्किल है क्योंकि प्रदेश में शुरू से जातिगत आधार पर राजनीति होती आई है। यहां कई बार सरकार भी जातिगत आधार पर लड़े गए चुनाव के आधार पर ही बनी है। 

मौजूदा स्थिति में कई सीटों पर ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार हैं जो कि जातिगत आधार के वोट बैंक पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों पर कई गुना भारी दिख रहे हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों में इस तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं कि क्षेत्र में ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतने जा रहे हैं। हालांकि इसके लिए फिलहाल रिजल्ट का ही इंतजार करना पड़ेगा है मगर यह देखने वाली बात जरूर होगी कि इस बार क्या इन नए चेहरों के साथ भाजपा 75 पार के नारे को बुलंद कर पाएगी या फिर आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस अपनी नैया पार लगाएगी।

भाजपा व कांग्रेस में उजागर हो चुकी है टिकट की लड़ाई 
टिकट की लड़ाई को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में खूब भिड़ंत हुई। लगभग हर सीट पर दोनों ही पार्टियों में टिकट के चाहवानों की संख्या 12 से 15 के बीच रही। टिकट की इस लड़ाई में कई बड़े नेताओं के झगड़े भी खूब उजागर हुए, कांग्रेस में तो लड़ाई रोड तक पहुंच गई। वहीं भाजपा ने कई स्थानों पर धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल तक की। 

Isha