इस गांव को कहते हैं 'मिनी ब्राजील', फुटबॉल प्लेयरों की है भरमार

2/12/2018 5:12:14 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): हरियाणा के भिवानी जिले में बसे इस छोटे से गांव में फुटबॉल प्लेयरों की इतनी भरमार है कि देश के हर वर्ग की टीम में इसके खिलाड़ी मिल जाते हैं, जिसकी वजह से गांव को मिनी ब्राजील भी कहते हैं। अलखपुरा गांव को मिनी ब्रााजिल का नाम दिलाने वाली बेटियों को खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह ने नई सौगात दी है। खेल निदेशक जगदीप सिंह ने इस गांव में 8 करोड़ रुपये की लागत से फुटबाल का एस्ट्रोट्रफ बनवाने, विदेशी तर्ज पर जिम (व्यायामशाला) बनाने की बात कही।

अलखपुरा सूबे का पहला गांव है जहां हर बेटी 5 साल की उम्र में ही फुटबाल खेलना शुरु कर देती है। ग्रामीणों के सहयोग तथा खेल विभाग की मदद से बेटियों नेदेश-विदेश तक धूम मचाई है। अंडर-14, 17 व 19 वर्ष आयुवर्ग के साथ सीनियर वर्ग की देश की एक भी फुटबाल टीम नहीं होती जिसमें इस गांव की 4-5 बेटियां ना खेलती हों। अपने देश की टीम को जीताने में इस गांव की बेटियों की सबसे ज्यादा भागीदारी होती है। यही नहीं अकेले अलखपुरा गांव की टीम कई बार दिल्ली में होने वाले सुब्रातो कप पर भी कब्जा कर चुकी है।



इन बेटियों की इस उपलब्धि पर अलखपुरा गांव को मिनी ब्रााजील का नाम मिला है। बेटियों की मेहनत को देखते हुए खेल विभाग के निदेशक इस गांव में पहुंचे और बेटियों की मेहनत व ग्रामिणों के सहयोग की सराहना करते हुए कई सौगातें दी।

8 करोड़ रुपये की लागत से फुटबाल का एस्ट्रोट्रफ व लाखों का जिम
जगदीप सिंह ने कहा कि खेल विभाग यहां पहले ही 25 बेटियों की फुटबाल नर्सरी चलाई जा रही है। जिसमें हर बेटी को दो हजार रुपये मासिक भत्ता और एक लाख रुपये का सामान सालाना दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि इसके अलावा अलखपुरा गांव में जल्द ही 8 करोड़ रुपये की लागत से फुटबाल का एस्ट्रोट्रफ व लाखों रुपये की लागत से विदेश स्तर का जिम बनाया जाएगा। 

डाईटिशन गांव में आकर देगा टिप्स
उन्होंने कहा कि इन बेटियों की डाईट के लिए सप्ताह में एक दिन एक डाईटिशन को गांव में भेजा जाएगा और साथ ही इन बेटियों को इंजरी से बचाने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सुविधा भी दी जाएगी।

खिलाडिय़ों को बिना टेस्ट दिए मिलेगी नौकरी
जगदीप सिंह ने अपने विभाग की नई नीति का खुलासा करते हुए बताया कि खेल विभाग में खिलाडिय़ों के लिए 3 फीसदी कोटे के तहत अंतराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को बिना टेस्ट के क्लास एक व दो की नौकरी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जॉब सिक्योरिटी के तहत राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के लिए भी योजना तैयार की जा रही है ताकि कोई खिलाडिय़ों को आर्थिक तंगी का सामना ना करना पड़े।



प्रदेश में शुरू होगी 680 नई नर्सरी 
उन्होंने बताया कि प्रदेश में फिलहाल 440 खेल नर्सरी चल रही हैं और जल्द ही 680 नई नर्सरी शुरु कर प्रदेश में 30 हजार बच्चों को जमीनी स्तर पर बचपन से ही तैयार किया जाएगा ताकि भविष्य में देश को ज्यादा से ज्यादा पदक मिलें। 

अगले माह होगा भारत केसरी दंगल
उन्होंने बताया कि 19 से 21 मार्च तक जीन्द में एक करोड़ रुपये इनाम की पं. दीनदयाल उपाध्याय कबड्डी चैंपियनशिप तथा 21 से 23 मार्च तक भिवानी में एक करोड़ रुपये इनाम का भारत केसरी दंगल करवाया जाएगा। साथ ही जगदीप सिंह ने बताया कि इसी तर्ज पर जल्द ही फुटबाल, वालीवाल व बॉक्सिंग चैंपियनशिप खेल विभाग शुरु करेगा।