शेल्टर हाेम में ताे ठहरा दिए प्रवासी मजदूर, पर रहने के लिए नहीं दिए बिस्तर

3/30/2020 6:28:51 PM

बहादुरगढ़(प्रवीण): केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए दिए गए सख्त निर्देशों के बाद झज्जर जिला प्रशासन ने भी राजधानी दिल्ली से सटे सभी सीमाओं को सील कर दिया है। प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए शेल्टर होम्स बनाने शुरू कर दिए हैं।

झज्जर जिले में 43 शेल्टर होम बनाए हैं। औद्योगिक क्षेत्र बहादुरगढ़ में 24 शेल्टर होम बनाए गए हैं, लेकिन इन शेल्टर होम्स की हालत बेहद दयनीय है। यह शेल्टर होम भी सामाजिक संस्थाओं द्वारा अपने स्तर पर बनाए गए हैं । जबकि प्रशासन प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने का दावा कर रहा है। बता देें कि बहादुरगढ़ में बनाए गए ज्यादातर शेल्टर होम्स सामाजिक संस्थाओं ने अपनी-अपनी समाज की धर्मशालाओं में स्थापित किए हैं।

जहां रुकने वाले प्रवासी मजदूरों को ना तो सोने के लिए बिस्तर मिल रहा है और ना ही उनके लिए मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी लगातार इन शेल्टर होम्स का दौरा कर व्यवस्था सुधारने की बात कर रहे हैं। बहादुरगढ़ नगर परिषद के मनोनीत पार्षद अशोक गुप्ता ने रेलवे रोड पर अग्रसेन धर्मशाला में एक शेल्टर होम बनाया है। जहां लोगों के रहने खाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन लोग ज्यादा होने के कारण अब वहां बिस्तरों की कमी पड़ गई है।

उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बिस्तर उपलब्ध करवाने की भी मांग की है। इतना ही नहीं यहां सामाजिक बेघर और जरूरतमंद लोगों को खाना भी उपलब्ध करवा रही हैं। कल बहादुरगढ़ में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एक कम्युनिटी स्टोर भी बनाया गया है। जहां से जरूरतमंद लोगों के लिए राशन पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी लेकिन कल ढाई सौ लोगों को वितरित करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से भेजे गए राशन में से सिर्फ 50 लोगों को ही यह राशन भेजा गया है।

सच तो यह है कि बहादुरगढ़ में अब भी हजारों की संख्या में ऐसे श्रमिक हैं जिनके पास ना तो खाने को राशन है और ना ही रहने के लिए जगह। प्रशासनिक स्तर पर जरूरतमंदों  को सहायता पहुंचाने का कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है।

Edited By

vinod kumar