हरियाणा के छोरे ने बनाई ऐसी ऐप, जो बताएगी सोशल मीडिया पर पोस्ट फेक है या सही

10/1/2020 2:43:22 PM

रोहतक (दीपक): तेजी से बढ़ते सोशल मीडिया पर फेक सूचनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। अफवाहों को सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए इस तरह से प्रसारित किया जाता है मानों ये सही हों। सूचनाओं की वैधता के अभाव में कई बार मारपीट और छिटपुट हिंसा तक हो जाती हैं। ऐसी सूचनाओं की सच्चाई से अवगत कराने के लिए रोहतक की जनता कॉलोनी निवासी 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र अमन सिंघल ने साथियों के साथ मिलकर फेकविड ऐप तैयार किया है। 



डीप लर्निंग, नेटवर्क एनालिसिस बेस्ड एल्गोरिदम के तहत विकसित किए गए ऐप पर फिलहाल टेक्स सूचनाओं की वैधता को जांचा जा सकता है। इसे ऑडियो और वीडियो संदेशों की वैधता को जांचने के लिए भी अपग्रेड किया जाएगा।

इस बारे अमन ने बताया कि फिलहाल एप का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया है। आगामी दो माह में लांच कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनके सहपाठी ऋषिकेश दीक्षित, योगेश ध्यानी व अभिषेक राज के इस आइडिया को यूएसए की नेशनल एकेडमिक ऑफ इंजीनियरिंग, नेशनल साइंस फाउंडेशन, भारत सरकार के इनोवेशन कंटेस्ट और कर्नाटक सरकार के स्टार्टअप कर्नाटक चैलेंज में भी चयनित किया गया है।



उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में फेक इंर्फोमेशन की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने ऐसी गलत सूचनाओं का डेटाबेस तैयार किया है जो पहले से विभिन्न प्लेटफार्म पर मौजूद हैं। यूजर गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर एप को डाउनलोड कर पाएंगे। ऐप को तैयार करने से पहले सर्वे किया गया। जिसमें 98 फीसदी लोगों ने फेकविड जैसे ऐप की जरूरत को समय की मांग बताया है।

अमन व उनके साथियों को स्टार्टअप इंडिया अभियान के परिचायक कहा जा सकता है। आईआईटी धारवाड़ के विद्यार्थियों ने पहले स्टार्टअप विजरप्ट की शुरुआत इन्होंने की है। अमन, विजरप्ट के फाउंडिंग मेंबर हैं। फेकविड इस स्टार्टअप का पहला प्रोडक्ट भी है। आगामी दिनों में विजरप्ट के जरिए अन्य लोगों को भी रोजगार दिया जाएगा

vinod kumar