बरसाती पानी की निकासी न होने से कई गांवों की हजारों एकड़़ फसल पर मंडराया संकट

9/7/2020 5:19:40 PM

हथीन (ब्यूरो): बरसाती पानी की निकासी न होने से हथीन क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों की 5 हजार एकड़़ से अधिक एरिया में खड़ी खरीफ की फसल संकट में हैं। स्थिति यह बनी हुई है कि किसानों ने खरीफ की धान, बाजरा, कपास, ग्वार, ढेंचा, ज्वार एवं जौं की फसलें बोई थी, लेकिन बरसाती पानी निकासी न होने से नष्ट होने के कगार पर है। उक्त एरिया में हजारों क्विंटल अतिरिक्त कृषि उत्पादन होता है। फसलें खराब होने से किसानों की अर्थव्यवस्था भी संकट में हैं।

किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल तो नष्ट हो रही है, साथ ही साथ उन्हें रबी की बिजाई का भी संकट दिखाई दे रहा है। गांव छायंसा की 250 एकड़़, मठेपुर की 200 एकड़, बिद्याावली की 550 एकड़, मीरपुर की 500 एकड़, दूरैंची की 700 एकड़, महलूका की 500 एकड़, हुंचपुरी की 500 एकड़, रणसीका की 700 एकड़, मढनाका की 300 एकड़, स्यारौली की 200 एकड़, कानौली की 100 एकड़ एरिया में बरसाती पानी खड़ा है।

इनके अलावा मिंडकौला गांव के खेतों में भी पानी खड़ा है। इस कारण खरीफ की फसल प्रभावित है। किसानों ने बताया कि उक्त संकट प्रतिवर्ष आता है। संबंधित गांवों में स्थित कृषि एरिया में इतनी अधिक नमी आ गई है कि किसानों को प्रति वर्ष करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

गांव छायंसा के किसान एवं ग्राम पंचायत के पंच अब्दुल करीम ने बताया कि प्रति वर्ष उक्त समस्या से परेशानी उठानी पड़ रही है। पानी निकासी के कोई प्रबंध अभी तक नहीं किए गए हैं। गांव मठेपुर के किसान दीन मोह मद ने बताया कि कृषि अर्थव्यवस्था तो पूरी तरह प्रभावित हुई है। हर वर्ष सरकार की ओर से पानी निकासी के प्रबंधों के बारे में दावे किए जाते हैं, परंतु अभी तक कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया गया है। 

बीजेपी विधायक का कथन
इस बारे में स्थानीय बीजेपी विधायक प्रवीण डागर ने बताया कि उक्त गांवों की समस्या के स्थाई हल हेतु सरकार कदम उठा रही है। पानी निकासी के लिए स बंधित गांवों में नलकूप लगाए जाएंगे और नहरी और नालों के माध्यम से पानी को निकाला जाएगा। सिंचाई विभाग ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है।

एसडीएम का कथन
इस बारे में हथीन के एसडीएम वकील अहमद ने बताया कि सिंचाई विभाग उक्त समस्या के निदान हेतु प्रयासरत है। रबी फसल की बिजाई से पूर्व पानी निकासी के उपाय किए जाएंगे।

Shivam