हजारों ट्रक टेंपों के पहिए थमे, करोड़ों का कारोबार प्रभावित

11/26/2019 2:20:06 PM

बहादुरगढ़(प्रवीण): ऑल इंडिया ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर ट्रांसपोर्टरों की अनिश्चित कालीन हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। बहादुरगढ़ में हड़ताल का पूरा असर देखने को मिल रहा है। हड़ताल के कारण औद्योगिक क्षेत्र बहादुरगढ़ से करीब 100 करोड़ से ज्यादा की माल की ढुलाई का काम बाधित है। जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। 



बहादुरगढ़ में ट्रक और टेंपो की छोटी बड़ी 19 यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ट्रांसपोर्टर नए परिवहन कानून, डीजल रेट की बढ़ोतरी, टोल टैक्स और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बढ़ाने का विरोध कर रही हैं। यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि वे पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। अक्टूबर माह में दिल्ली के जंतर मंतर पर भी सरकार के नुमाइंदों और ट्रांसपोर्ट यूनियनों के पदाधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी। लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया।

जिस वजह से उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि नए परिवहन कानून के हिसाब से ट्रक मालिक और चालक दोनों पर ही जुर्माना लगाया जाता है। जिसकी वजह से भारी भरकम जुर्माना उन्हें भरना पड़ रहा है। उन्होंने धारा 144ई को भी खत्म करने की मांग की है। इतना ही नहीं पहले 25 टन क्षमता वाले एक ट्रक पर सालाना न्यूनतम आय 90 हजार आंकी जाती थी, जिसे बढ़ाकर अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है।



जिसके कारण ट्रांसपोर्टरों को ज्यादा टैक्स अदा करना पड़ रहा है। साथ ही जगह-जगह टोल टैक्स लगाए गए हैं और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि भी बढ़ा दी गई है। जिससे ट्रक मालिकों को अपने ट्रकों की बैंक की किस्तें भरने के लिए भी इधर उधर से इंतजाम करना पड़ रहे हैं। साथ ही सरकार द्वारा उन पर अतिरिक्त भार लाद दिया गया है। जिससे उनका जीना दूभर हो गए हैं। 

आज के दिन ट्रक और टेंपो चलाना आसान नहीं रहा इसलिए उन्होंने सरकार से चालान और टैक्स में छूट देने की मांग भी की है। हम आपको बता दें कि बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां रोजाना ढाई से तीन हजार गाडिय़ां लोड और अनलोड होती हैं, ट्रांसपोर्ट उद्योग के माध्यम से ही यहां करीब 10 हजार परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है। जिस पर अब संकट आ खड़ा हुआ है। 

Edited By

vinod kumar